सुप्रीम कोर्ट ने देश के सबसे बड़े मुकदमे यानि अयोध्या में राम मंदिर मामले की सुनवाई 8 फरवरी 2018 तक टाल दी है. कोर्ट ने कहा कि सभी पक्ष अनुवाद किए गए 19950 पन्नों के दस्तावेज जल्द से जल्द जमा कारएं. सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल समेत तीन वकीलों से मामले की सुनवाई जुलाई 2019 के बाद करने की मांग की. क्योंकि मामला राजनीतिक हो चुका है. पढ़ें कपिल सिब्बल ने SC में क्या तर्क दिए..
सिब्बल ने कहा :
- सिब्बल ने कहा- नहीं इसे रिकॉर्ड पर लेने की जरूरत नहीं है, आखिर इस मामले को सुनने की इतनी जल्दी क्या है, इसे क्यों नहीं टाला जा सकता? इस पर कोर्ट ने जवाब दिया कि आखिर कहीं तो शुरुआत करनी ही होगी.
- सिब्बल ने कहा कि कोर्ट को देश में गलत संदेश नहीं भेजना चाहिए, बल्कि एक बड़ी बेंच के साथ मामले की सुनवाई करनी चाहिए.
- सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से कपिल सिब्बल ने मांग की है कि मामले की सुनवाई 5 या 7 जजों बेंच को 2019 के आम चुनाव के बाद करनी चाहिए. क्योंकि मामला राजनीतिक हो चुका है.
- सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से कपिल सिब्बल ने मांग की है कि मामले की सुनवाई 5 या 7 जजों बेंच को 2019 के आम चुनाव के बाद करनी चाहिए. क्योंकि मामला राजनीतिक हो चुका है.
- देश का माहौल अभी ऐसा नहीं है कि इस मामले की सुनवाई सही तरीके से हो सके. क्यों इस मसले को लेकर हड़बड़ी में सुनवाई हो रही है.
- सिब्बल समेत मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में सुनवाई का बहिष्कार करने की धमकी दी है.
सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर मुद्दे पर सुनवाई के दौरान मामले से जुड़े हुए वकीलों के बीच गर्मागर्म बहस हुई.