🔴 स्वंय को जिंदा साबित करने के लिए वर्षों लग गए पर जिंदा साबित नहीं कर पाए
खबरगुरु (संतकबीर नगर) 18 नवम्बर। यूपी के संतकबीर नगर में खुद को जिंदा साबित करने की कोशिश के दौरान 70 साल के बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया। खेलई नाम के ये बुजुर्ग पिछले 6 साल से कागजों में दर्ज अपनी मौत के खिलाफ लड़ रहे रहे थे। इसी लड़ाई के अंतिम दोर में खुद को सरकारी अधिकारियों के समक्ष पेश होकर जिंदा साबित करना था। कार्यालय में बयान देने वह बुधवार को धनघटा तहसील गए थे और बयान देने से पूर्व ही उनकी परिसर में मौत हो गई।
साल 2016 में उनके बड़े भाई कोडरा गांव निवासी फेरई की मौत हुई थी, लेकिन धनघटा तहसील के कर्मचारी ने फेरई की जगह उनके छोटे भाई खेलई को को मरा हुआ बता दिया। खेलई के हिस्से की जमीन फेरई की पत्नी व बेटों के नाम से वरासत कर दिया। अपने हिस्से की जमीन पाने के लिए खेलई परेशान होकर खुद को जिंदा साबित करने की नाकाम कोशिशों में लग गए।
हर जगह में प्रार्थनापत्र लेकर पहुंच जाते थे खेलई
पीड़ित बेटे पन्ने लाल के अनुसार वह सभी भाई बाहर मेहनत मजदूरी कर परिवार का खर्च चलाते थे। घर पर वृद्ध पिता खेलई रहते थे। खेलई अपनी जमीन पाने के प्रयास में हर जगह में प्रार्थनापत्र लेकर पहुंच जाते थे और जो अधिकारी मिलता उसके समक्ष न्याय की गुहार लगाते थे, लेकिन कोई भी सिस्टम के आगे आकर उनकी मदद नहीं कर पाया। सिर्फ आश्वासन मिल पाता था। अपनी जमीन पाने के लिए परेशान खेलई खाना-पीना या समय पर सोना ही भुल गए थे। बुधवार को धनघटा तहसील खुद को जिंदा साबित करने के अंतिम चरण में पहुंच गए थे। परंतु चकबंदी कार्यालय में बयान देने से पूर्व ही उनकी परिसर में मौत हो गई।