प्रसिद्ध खगोलशास्त्री प्रो नार्लीकर एवं न्यूक्लियर साइंटिस्ट डॉ श्रीनिवासन की स्मृति में हुआ आयोजन
खबरगुरू (रतलाम) 4 जून। प्रसिद्ध खगोलशास्त्री प्रो नार्लीकर एवं न्यूक्लियर साइंटिस्ट डॉ श्रीनिवासन की स्मृति में इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स टीचर्स आर सी- नाइन द्वारा रतलाम जिले के भौतिकी शिक्षकों की एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में इंदौर से आमंत्रित भौतिकविद प्रो पी के दुबे ने भौतिकी के मूल सिद्धांतों और अवधारणाओं को सरल प्रयोगों के प्रदर्शनों के माध्यम से समझाया।
गुरुत्वीय केंद्र की संकल्पना बोधगम्य करवाना सिखाया
उन्होंने हवा में ग्लोब का तैरना,हवा में पेंसिल का अपने अक्ष पर घूमने के पीछे चुंबकीय क्षेत्र के उपयोग द्वारा बुलेट ट्रेन की संकल्पना को स्पष्ट किया।झुकी हुई कुर्सी,एक उंगली पर चाबी को संतुलित करना,सीडी को एक विमीय तार पर संतुलित करना आदि प्रयोगों द्वारा गुरुत्वीय केंद्र की संकल्पना बोधगम्य करवाना सिखाया। इसके अलावा क्वार्ट्ज ग्लास की बार एवं प्रिज्म और लेज़र प्रकाश के उपयोग के माध्यम से अपवर्तन,पूर्ण आंतरिक परावर्तन, द्वि अपवर्तन आदि प्रकाशिक घटनाओं को डेमो द्वारा स्पष्ट किया।
उक्त जानकारी देते हुए रतलाम एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स के अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह राठौर ने बताया कि कार्यशाला के अगले सत्र में भौतिकविद डॉ संतोष जोशी ने दिवंगत प्रोफेसर नार्लीकर के देश के खगोलीय अध्ययन में योगदान को रेखांकित किया।साथ ही दिवंगत नाभिकीय वैज्ञानिक डॉ श्रीनिवासन के भारत के परमाणु कार्यक्रम तथा विभिन्न नाभिकीय रिएक्टरों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका को स्मरण किया। प्रो संजय वाते ने अपने व्याख्यान में भौतिकी के नवाचारी प्रयोगों को शिक्षण में अपनाकर उसे रोचक और प्रभावी बनाने की सलाह दी।
उक्त आयोजन में भौतिक शास्त्री श्यामवंत पुरोहित,अमर वरधानी,दिलीप मूणत, जितेंद्र जोशी,श्रवण भावसार,जितेंद्र गुप्ता सहित 35 विज्ञान संचारकों ने भागीदारी की। संचालन राकेश जादौन ने और आभार डॉ ललित मेहता ने व्यक्त किया।