ख़बरगुरु (भोपाल) : नौकरी दिलाने में लगभग असफल साबित हो रहे रोजगार कार्यालयों अब इतिहास बनकर रह जाएँगे । प्रदेश के सभी 51 जिलों में चल रहे रोजगार कार्यालय अब इतिहास बनकर रह जाएँगे । नौकरी की चाह में रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराने वाले युवाओं की उम्मीदें अब इन रोजगार कार्यालय से खत्म ही हो गई है । सरकार ने प्रदेश के 15 जिलों के रोजगार कार्यालयों को पीपीपी मोड पर प्लेसमेंट सेंटर के तौर पर चलाए जाने का निर्णय लिया है
51 जिला रोजगार कार्यालयों में से 15 को पीपीपी मॉडल पर प्लेसमेंट सेंटर के रूप में चलाया जाएगा, जबकि 36 बंद किए जाएंगे। पब्लिक, प्राइवेट, पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत निजी कंपनी चुनी जाएगी जो अन्य जिलों का काम भी संभालेगी और एक-एक कर बाकी जिलों के कार्यालय बंद कर दिए जाएंगे।
यह आदेश 7 मार्च को प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान ने दिया था, जिस पर अब अमल करने की तैयारी की जा रही है।
ये जिले बनेंगे सेंटर
इंदौर, उज्जैन, भोपाल, रीवा, ग्वालियर, जबलपुर, सागर, होशंगाबाद, शहडोल, देवास, धार, खरगोन, सिंगरौली, सतना, कटनी जिलों के रोजगार कार्यालयों को प्लेसमेंट सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां काउंसलिंग के साथ ट्रेनिंग होगी बाद में प्लेसमेंट भी कराया जाएगा।