खबरगुरु (रतलाम) 9 सितंबर। सिर्फ दवा की गोली खा लेने से दर्द छू मंतर हो जाएगा ! पर ऐसा होता नहीं है। कुछ देर की राहत के बाद फिर दवा पर निर्भरता की स्थिति बन जाती है, जोकि हमारे शरीर के लिए सही नहीं है। दरअसल हमारे शरीर की क्षमता में ही शरीर का इलाज छुपा है। इसे फिजियोथेरेपी पद्धति ने पहचाना और लोगों का इलाज बिना दवा-गोली के होना शुरू हुआ। यह पद्धति आज काफी लोकप्रिय है। इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 8 सितंबर को विश्व फिजियोथेरेपी दिवस मनाया जाता है। मांसपेशियों और नसों को मजबूत कर बिना दवा, इंजेक्शन और ऑपरेशन के दर्द से राहत दिलाने वाली फिजियोथेरेपी अब विभिन्न रोगों के उपचार का अभिन्न हिस्सा बनती जा रही है।
फिजियौथेरेपी से होगा जीवन में सकारात्मक बदलाव
व्यक्ति की उम्र शरीर से नहीं मन से तय होती है। आप लोगों के संघर्ष और मेहनत से युवा पीढी भी हमेशा सीखती है। कोरोना संक्रमण में दिनचर्या में हल्के व्यायाम, गर्म पानी और काढे का सेवन तथा कुछ फिजियौथेरेपी की कसरतों को रोज करें तो न केवल ये संक्रमण बल्कि सामान्य दैनिक जीवन में भी सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं। यह बातें आक्यूपेशनल थैरेपिस्ट डॉ. ईश्वर पाटीदार ने मंगलवार को विश्व फिजियौथेरैपी दिवस के आयोजन में बिरियाखेड़ी स्थित वृद्धाश्रम में कही।
वृद्धाश्रम में निशुल्क सेवाएं दी
कस्तूरबानगर स्थित रिहेब बेटर सेंटर ने वृद्धाश्रम में निशुल्क सेवाएं दी। डॉ. पाटीदार के साथ डॉ. ऋचा देवड़ा और डॉ. अर्पणा गवशिंदे ने विशेषकर कोरोना से बचाव के तरीके बताते हुए कहा कि आप लोगों को विशेषकर अपना और एक दूसरा का ख्याल रखना है। दिन में बाहर से आई हुई किसी भी वस्तु को छूने या व्यक्ति से मिलने पर हाथ साबुन से धोंए। बाहर कहीं भी जाने पर मास्क अवश्य लगाए। तीनों विशेषज्ञों ने फैंफड़ों को अच्छा रखने और श्वसनतंत्र के लिए जरूरी व्यायाम बुजुर्गो को सिखाए। इसके साथ ही बुजुर्गो को कमर दर्द, पैर दर्द आदि अन्य तकलीफें होने पर उनके निदान के लिए हल्की कसरत और अन्य टिप्स बताए गए। इस दौरान सेंटर की मैनेजर सरिता पाटीदार और डॉक्टरों ने सभी को मास्क आदि का वितरण भी किया।
श्रेष्ठ कार्यो के लिए किया सम्मान
डॉ. पाटीदार ने बताया कि प्रति वर्ष दो फिजियोथैरेपिस्ट को श्रेष्ठ कार्य के लिए सम्मान भी दिया जाता है। इस साल डॉ. विशाल गनवानी और डॉ. खुशबू पुंजावत को दिया गया। कोरोना के खतरे को देखते हुए दोनों के घर पर पहुंचकर ही सेंटर की टीम ने इन्हे प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।