ख़बरगुरु रतलाम 19 मार्च 2019। भारत निर्वाचन आयोग के मुताबिक राजनैतिक दल का कार्यकर्ता या समर्थक अपने घर पर अपनी इच्छा से पार्टी का झण्डा बैनर अथवा कट-आउट लगा सकेंगे। लेकिन उन्हें इस बात का ध्यान रखना होगा कि यह स्थानीय कानून के दायरे में ही हो तथा इससे न्यायालयों के आदेश का उल्लंघन न होता हो।
निर्वाचन आयोग ने कहा है कि राजनैतिक दल, उम्मीदवार और उसका एजेंट, कार्यकर्ता अथवा समर्थक अपनी संपत्ति या घर पर स्वेच्छा से झण्डे, बैनर लगाता है तो इसे आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। लेकिन यदि राजनैतिक दल का कार्यकर्ता या समर्थक झण्डे,बैनर या कट-आउट के माध्यम से किसी प्रत्याशी विशेष या पार्टी के पक्ष में वोट मांगता है तो इसे भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171(एच) के तहत अपराध माना जाएगा और इसके लिए उस पर कार्यवाही की जा सकेगी। झण्डे, बैनर पर उम्मीदवार का नाम या फोटो होगा तो उसे उम्मीदवार के चुनाव खर्च में भी जोड़ा जाएगा। आयोग के मुताबिक राजनैतिक दल अथवा उम्मीदवार के कार्यकर्ता एवं समर्थकों द्वारा अपने घरों पर झण्डे-बैनर लगाने से या प्रदर्शन करने से यदि किसी व्यक्ति या जनसामान्य को असुविधा होती है तो भी इसे भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171(एच) का उल्लंघन माना जाएगा।
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि कार्यकर्ता या समर्थक अपने-अपने घर पर एक राजनैतिक दल के केवल तीन झण्डे ही लगा सकेगा। यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक पार्टी या उम्मीदवार का झण्डा अपने घर पर लगाना चाहता है तो वह प्रत्येक पार्टी या उम्मीदवार का एक-एक झण्डा ही लगा सकेगा। उसे इस प्रकार के झण्डे स्थानीय कानूनों के दायरे में ही लगाने होंगे और इस पर होने वाला व्यय का हिसाब निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक रखना होगा।
निर्वाचन आयोग ने पार्टी कार्यकर्त्ता के लिए दो पहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाहनों पर झण्डे और स्टीकर का इस्तेमाल करने के बारे में भी निर्देश दिये हैं। आयोग ने कहा है कि राजनैतिक दल के कार्यकर्त्ता अपने निजी दो पहिया वाहन पर एक बाय आधा फिट का झण्डा तथा एक या दो छोटे आकार के स्टीकर लगा सकता है। इसे आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। लेकिन यदि वह किसी अन्य के समर्थन में ध्वज को लगाए हुए है तो इस पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171 (एच) के प्रावधान लागू होंगे। व्यावसायिक वाहन की स्थिति में स्वयं का वाहन होने पर भी ध्वज लगाने की अनुमति रिटर्निंग अधिकारी से लेनी होगी। आयोग ने दो पहिया वाहनों पर बैनर लगाने पर रोक लगाई है।
निर्वाचन आयोग ने कार्यकर्त्ता को अपने तीन पहिया अथवा चार पहिया वाहन एवं ई-रिक्शा पर भी एक बाय आधा फिट का झण्डा लगाने की ही अनुमति दी है। कार्यकर्ता तीन पहिया अथवा चार पहिया वाहन या ई-रिक्शा पर भी दो छोटे आकार के स्टीकर ही लगा सकेगा। आयोग के मुताबिक वाहनों पर लगाए जाने वाले झण्डे की स्टिक या पोल तीन फिट से अधिक की नहीं होनी चाहिए।
निर्वाचन आयोग ने रोड-शो में केवल एक प्रचार वाहन पर वो भी रिटर्निंग अधिकारी की अनुमति से एक फिट बाय आधा फिट के इण्डे का इस्तेमाल करने की इजाजत दी है। आयोग के मुताबिक यदि किसी पार्टी का अन्य पार्टी से चुनाव पूर्व गठबंधन है तो उस स्थिति में दोनों पार्टियों का एक-एक झण्डा प्रचार वाहन में लगाया जा सकता है। आयोग ने रोड शो के दौरान छ: बाय चार फिट आकार का एक बैनर हाथ में लेकर चलने की अनुमति अपने निर्देशों में दी है।
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि वाहनों में झण्डे या स्टीकर का उपयोग इस तरह से किया जाना चाहिए कि उससे वाहन चलाने वाले की दृश्यता में बाधा न हो और न ही सड़क पर चलने वाले किसी अन्य वाहन चालक अथवा यात्रियों को किसी तरह की कठिनाई हो। आयोग ने प्रचार वाहनों पर स्पॉट, फोकस, फ्लेशिंग एवं सर्च लाइट तथा हूटर के इस्तेमाल पर भी रोक लगाई है। आयोग ने साफ किया है कि कोई भी व्यक्ति सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना वाहनों पर बड़े आकार के झण्डे, स्टीकर और बैनर का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। आयोग ने निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों को इन निर्देशों तथा मोटरयान अधिनियम का भी कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।
निर्वाचन आयोग के मुताबिक राजनैतिक दलों या उम्मीदवार के समर्थन में आयोजित जुलूस या सभा में झण्डे-बैनर, कट-आउट आदि का उपयोग स्थानीय कानूनों एवं प्रतिबंधात्मक आदेश के दायरे में किया जा सकता है। इन पर होने वाले व्यय का हिसाब भी उम्मीदवार अथवा दल को आयोग के निर्देश अनुसार रखना होगा। आयोग के मुताबिक सभा या जुलूस में टोपी,मास्क या स्कार्फ जैसी चीजों के वितरण की इजाजत उम्मीदवार या दल को दी जा सकती है। इसे भी आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना जाएगा बशर्ते इस हेतु उम्मीदवार द्वारा इस हेतु खर्चे के संबंध में सूचना दे दी गई हो। लेकिन यदि उम्मीदवार या पार्टी द्वारा जुलूस या सभाओं में साड़ी, शर्ट जैसे वस्त्रों का वितरण किया जाता है तो इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा।