उज्जैन (खबर गुरू) 17/02/2017 : :महाकाल मंदिर में गुरुवार से शिव नवरात्रि की शुरुआत हुई। नौ दिनों तक भगवान महाकाल अलग-अलग रूपों में भक्तों को दर्शन देंगे। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक अवधेश शर्मा ने बताया १६ फरवरी से शिव नवरात्रि उत्सव की शुरुआत हुई जो 24 फरवरी तक मनाया जाएगा।
प्रथम दिन गुरुवार को मंदिर के नैवेद्य कक्ष में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का पूजन करने के साथ ही कोटितीर्थ कुंड के पास स्थापित भगवान कोटेश्वर महादेव एवं बाबा महाकाल का पूजन कर शिव नवरात्रि के पूजन का संकल्प लिया।
साथ ही 11 ब्राह्मणों का पूजन कर उन्हें सोला प्रदान किया गया। शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में 11 ब्राह्मणों द्वारा बाबा महाकाल का अभिषेक किया। शाम को पूजन के बाद भगवान को नए वस्त्र धारण करवाए जाएंगे। शिव नवरात्रि में प्रतिदिन शाम को भगवान महाकाल को नवीन वस्त्र धारण कराए जाएंगे।
शेषनाग, घटाटोप, छबीना, मनमहेश आदि स्वरूपों में बाबा महाकाल नौ दिन तक भक्तों को दर्शन देंगे। दरअसल, महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इससे पूर्व शिव नवरात्रि शुरू होती है और नवरात्र का समापन महाशिवरात्रि की महापूजा से होता है। महाकाल को दूल्हे के रूप में सजाकर फूलों का सेहरा सजाया जाता है। महाशिवरात्रि के अगले दिन भगवान सेहरा दर्शन होते हैं। इस दौरान श्रद्धालुओं के बीच सेहरा लुटाया जाता है।
हर दिन अलग शृंगार
शिव नवरात्रि के दूसरे दिन 17 फरवरी को शेषनाग शृंगार, 18 को घटाटोप, 19 को छबीना, 20 को होलकर, 21 को मनमहेश, 22 को उमा-मनमहेश शृंगार, 23 को शिव तांडव शृंगार, 24 को महाशिवरात्रि शृंगार एवं 25 फरवरी को सप्तधान शृंगार किया जाएगा। साथ ही प्रतिदिन कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंडमाला, छत्र आदि आभूषण एवं वस्त्र धारण करवाए जाएंगे।
दोपहर में होगी भस्मारती
महाकाल की भस्मारती साल में एक ही दिन दोपहर में होती है। इस बार महाशिवरात्रि के दूसरे दिन २५ फरवरी को दोपहर १२ बजे भस्मारती की जाएगी। वर्षभर भस्मारती तड़के ४ बजे होती है।