क्यों आता है भूकंप?
धरती की प्लेटों के टकराने से। हमें पृथ्वी की संरचना को समझना होगा। पूरी धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है। ये प्लेटें इसी लावे पर तैर रही हैं और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है जिसे भूकंप कहते हैं।
लेकिन प्लेटें क्यों टकराती हैं ?
दरअसल ये प्लेंटे बेहद धीरे-धीरे घूमती रहती हैं। इस प्रकार ये हर साल 4-5 मिमी अपने स्थान से खिसक जाती हैं। कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। ऐसे में कभी-कभी ये टकरा भी जाती हैं।
प्लेटें सतह से कितनी नीचे होते हैं ?
करीब 30-50 किमी तक नीचे हैं। लेकिन यूरोप में कुछ स्थानों पर ये अपेक्षाकृत कम गहराई पर हैं।
रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता ?
एक ऐसी प्रणाली है जिससे भूकंप के वेग को मापा जा सकता है। इस प्रणाली का अविष्कार 1935 में अमेरिकी भूकंप विज्ञानी चार्ल्स एफ रिक्टर ने किया था और उन्हीं के नाम पर इसका नाम रिक्टर पड़ गया।
रिक्टर की इस महान खोज के चलते पूरी दुनिया उनके जन्मदिवस को हर साल रिक्टर स्केल दिवस के रूप में मनाती है। उनका जन्म 26 अप्रैल 1900 को हुआ था। भूकंप विज्ञानी एचके मल्होत्रा का कहना है कि चार्ल्स एफ रिक्टर एक महान वैज्ञानिक थे जिनके अविष्कार से भूकंप विज्ञान में एक बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल हुई।
उन्होंने कहा कि रिक्टर स्केल दिवस का आयोजन इस बात का प्रमाण है कि दुनिया इस प्रणाली को ईजाद करने वाले को अत्यंत सम्मान देती है। उनके अनुसार रिक्टर स्केल किसी भूकंप से पैदा भूकंपीय तरंगों और उससे निकलने वाली ऊर्जा को मापकर इसे आंकड़ों में दर्ज करता है।
जानिए रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता क्या होता है असर ?
भूकंपों में 2.0 की तीव्रता से कम वाले भूकंपीय झटकों की संख्या रोजाना लगभग आठ हजार होती है जो इंसान को महसूस ही नहीं होते।
2.0 से लेकर 2.9 की तीव्रता वाले लगभग एक हजार झटके रोजाना दर्ज किए जाते हैं, लेकिन आम तौर पर ये भी महसूस नहीं होते।
>रिक्टर स्केल पर 3.0 से लेकर 3.9 की तीव्रता वाले भूकंपीय झटके साल में लगभग 49 हजार बार दर्ज किए जाते हैं जो अक्सर महसूस नहीं होते, लेकिन कभी-कभार ये नुकसान कर देते हैं।>4.0 से 4.9 की तीव्रता वाले भूकंप साल में लगभग 6200 बार दर्ज किए जाते हैं। इस वेग वाले भूकंप से थरथराहट महसूस होती है और कई बार नुकसान भी हो जाता है।
>5.0 से 5.9 तक का भूकंप एक छोटे क्षेत्र में स्थित कमजोर मकानों को जबर्दस्त नुकसान पहुंचाता है जो साल में लगभग 800 बार महसूस होता है।
इसके अतिरिक्त 6.0 से 6.9 तक की तीव्रता वाला भूकंप साल में लगभग 120 बार दर्ज किया जाता है और यह 160 किलोमीटर तक के दायरे में काफी घातक साबित हो सकता है। 7.0 से लेकर 7.9 तक की तीव्रता का भूकंप एक बड़े क्षेत्र में भारी तबाही मचा सकता है और जो एक साल में लगभग 18 बार दर्ज किया जाता है।
रिक्टर स्केल पर 8.0 से लेकर 8.9 तक की तीव्रता वाला भूकंपीय झटका सैकड़ों किलोमीटर के क्षेत्र में भीषण तबाही मचा सकता है जो साल में एकाध बार महसूस होता है।
इसके अतिरिक्ति 9.0 से लेकर 9.9 तक के पैमाने का भूकंप हजारों किलोमीटर के क्षेत्र में तबाही मचा सकता है, जो 20 साल में लगभग एक बार आता है। दूसरी ओर 10.0 या इससे अधिक का भूकंप आज तक महसूस नहीं किया गया।