ख़बरगुरु (रतलाम) 31 जनवरी : कमेड के बहुचर्चित हत्याकांड के मुख्य आरोपी हिम्मत पाटीदार ने फिल्मो से मर्डर के टिप्स सीखकर हत्या को अंजाम दिया था। आरोपी हिम्मत पाटीदार को रतलाम पुलिस ने बीती रात पड़ोसी राज्य राजस्थान के प्रतापगढ़ से गिरफ्तार कर लिया है।आज गुरुवार को पुलिस कंट्रोल रूम पर पत्रकार वार्ता में पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने खुलासा किया।
मर्डर के बाद हिम्मत ने मृतक का चेहरा जला दिया था, जिससे कि मरने वाला हिम्मत पाटीदार दिखे और हिम्मत बीमे राशि का लाभ ले सकें। हिम्मत पर 26 लाख रूपये का कर्जा था । जिसके चलते हत्या की साजिश रची थी। उलेखनीय है कि हिम्मत ने साजिश के तहत एक माह पूर्व अपना 20 लाख बीमा कराया । खुद की हत्या करने की साजिश रचने वाले हिम्मत पाटीदार की मंशा थी कि 26 लाख रूपये का कर्जा भी न चुकाना पड़े और परिजनों को बीमे के 20 लाख रुपये भी मिल जाये।
आरोपी हिम्मत ने कबूल किया कि योजनाबद्ध तरीके से ठंड का हवाला देते हुए अपने कपड़े मदन को पहनने के लिए राजी कर लिया उसके बाद उसने पहले मदन का गला घोंटा जिससे वह जमीन पर गिरा फिर तलवार से गला भी कांटा ताकि वह पूरी तरह से मर जाए । मदन की पहचान हटाने की नीयत से उसके चेहरे पर घांस डालकर आग लगा दी और अपना मोबाइल लाश के पास ही छोड़ दिया जिससे लाश हिम्मत की लगे । मदन के कपड़े घटनास्थल से दूर जाकर फेक दिये और तलवार झाड़ियो मे छिपा कर फरार हो गया। आरोपी हत्या को अंजाम देने के बाद 23 तारीख को इंदौर-उज्जैन-जावरा होते हुए प्रतापगढ़ तहसील के अरनोद के पास होरी हनुमान पहुचा। यही पर धर्मशाला में 10 रु रोज में कमरा और 10 रु रोज में खाने में इंतजाम से रहने लगा तभी बुधवार को मुखबिर की सूचना पर दल पहुँचा और निगरानी करने के बाद सूझबूझ के साथ घेराबंदी कर आरोपी को धरदबोचा। पुलिस ने आरोपी से 48 हजार 715 रूपये भी बरामद किये।
फरारी का इंतज़ाम पहले से ही
उलेखनीय है कि हिम्मत ने फरारी काटने के लिए कुछ दिन पूर्व में ही भाटपचलाना के एक व्यापारी से पचास हजार रूपये उधार ले लिए थे।
हिम्मत की खोजबीन में पुलिस की पाँच टीम
आरोपी हिम्मत की खोजबीन में 3 पड़ोसी राज्योयो में पुलिस की पांच टीम भेजी गई थी।
आरोपी को पकड़ने में इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका
उक्त घटना का पर्दाफाश करने में साइबर सेल प्रभारी उ.नि. वीरेन्द्रसिंह बंदेवार, आर. मनमोहन शर्मा, आर. रितेश सिंह, आर. हिम्मतसिंह, आर बलराम पाटीदार, थाना बिलपांक के प्रधान आर. संतोष अग्निहोत्री, आर. लखन सिंह, आर ब्रजकिशोर, आर गोविंदराम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।