ख़बरगुरु ( नई दिल्ली ) 29 मार्च । धानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में देश से मुखातिब हुए। मन की बात कार्यक्रम का यह 63वां संस्करण है। मोदी ने कहा कि मैं आपकी दिक्कतें समझता हूं, लेकिन भारत को, कोरोना के खिलाफ जीतने के लिए, ये कदम उठाए बिना कोई रास्ता नहीं था। उन्होंने देशवासियों को हुई असुविधा, कठिनाई के लिए माफी मांगी। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ‘आमतौर पर मैं मन की बात में कई विषयों को ले करके आता हूं। लेकिन आज देश के मन में सिर्फ एक ही बात है- ‘कोरोना वैश्विक महामारी’ से आया हुआ भयंकर संकट, ऐसे में मैं कुछ और कहूं वो उचित नहीं होगा। हो सकता है, बहुत से लोग मुझसे नाराज होंगे कि ऐसे कैसे सबको घर में बंद कर रखा है। मैं आपकी दिक्कतें समझता हूं, लेकिन भारत को, कोरोना के खिलाफ जीतने के लिए, ये कदम उठाए बिना कोई रास्ता नहीं था। मैं फिर एक बार, आपको जो भी असुविधा हुई है, कठिनाई हुई है, इसके लिए क्षमा मांगता हूं।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां कहा गया है कि बीमारे से पहले ही इसके उपाय कर लेने चाहिए। आज जब मै डाक्टरों का त्याग, तपस्या, समर्पण देख रहा हूं तो मुझे आचार्य चरक की कही हुई बात याद आती है। आचार्य चरक ने डाक्टरों के लिए बहुत सटीक बात कही है। इस लड़ाई के योद्धा ऐसे हैं जो घरों में नहीं, बल्कि बाहर रहकर वायरस का मुकाबला कर रहे हैं, फ्रंट लाइन सोल्जर, नर्सेज, डॉक्टर, पैरा-मेडिकल स्टाफ, ऐसे साथी, जो कोरोना को पराजित कर चुके हैं, उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। साथियो जैसा कि राम ने बताया कि उन्होंने हर उस निर्देश का पालन किया जो इनको कोरोना की आशंका होने के बाद डॉक्टरों ने दिए, इसी का परिणाम है कि आज वो स्वस्थ होकर सामान्य जीवन जी रहे हैं।
सोशल मीडिया में ही मैंने देखा, कि कुछ लोगो ने, वर्षों से घर में पड़े तबला, वीणा, जैसे संगीत के वाद्ययंत्रों को निकालकर रियाज करना शुरू कर दिया है। आप भी ऐसा कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने का कारगर तरीका सामाजिक दूरी है। हमें समझना होगा कि सामाजिक दूरी का मतलब सामाजिक संपर्क खत्म करना नहीं बल्कि ये समय सामाजिक दूरी को बढ़ाने और भावनात्मक दूरी घटाने का है।
आगरा के अशोक जी ने कहानी बताई
73 साल के अशोक जी ने कहा- मेरे दो बेटे काम से इटली गए थे। जब वापस आए तो इन्हें कुछ दिक्कत हुई, दिल्ली के आरएमएल हॉस्पिटल गए, वहां टेस्ट पॉजिटिव आया। इसके बाद आगरा के हमारे अन्य 6 लोग सफदरजंग हॉस्पिटल में पॉजिटिव मिले। हमें एंबुलेंस आगरा से दिल्ली ले जाया गया। अस्पताल में मुझे और परिवार को कोई दिक्कत नहीं हुई। डॉक्टर और नर्स का व्यवहार बहुत अच्छा है। हॉस्पिटल स्टाफ के आभारी हैं।