सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को निकाह हलाला और बहुविवाह के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई की. निकाह हलाला और बहुविवाह पर सुप्रीम कोर्ट में चार याचिकाएं दाखिल की गई हैं, केंद्र सरकार और विधि आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा कि बहुपत्नी प्रथा और निकाह हलाला के संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई संविधान पीठ करेगी. गौरतलब है कि तीन तलाक पर सुनवाई समाप्त करते हुए पांच न्यायाधीशों वाली पीठ ने इन मुद्दों को खुला रखा था.
प्रमुख मुस्लिम महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा था कि, मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ दिलाने का मकसद तब तक पूरा नहीं हो सकता जब तक प्रस्तावित कानून में निकाह हलाला, बहुविवाह और बच्चों के संरक्षण जैसे मुद्दे को शामिल नहीं किया जाता.
दिल्ली भाजपा के नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि, बहुविवाह और निकाल हलाला अनुच्छे-14 विधि के समक्ष समानता, (15) धर्म, नस्ल, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव पर रोक और (21) (जीवन जीने का अधिकार) तथा लोक व्यवस्था, नैतिकता एवं स्वास्थ्य के तहत दिए गए मौलिक अधिकारों के लिए नुकसानदेह है. ऐसे में इन प्रथाओं पर रोक लगाना चाहिए.
नफीसा खान सहित चार याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इन दोनों प्रथाओं पर रोक लगाने और इन्हें असंवैधानिक करार दिए जाने की मांग की थी.