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रतलाम: ग्राम सचिव पर मनरेगा में फर्जीवाड़ा करने का आरोप, कागज पर काम दिखा डकार गए लाखो रूपये, देखिये तस्‍वीरें और वीडियो

डॉ. हिमांशु जोशी

खबरगुरु (रतलाम) 20 अक्टूबर। शासन की मनरेगा के तहत ग्रामीणों को मिलने वाले रोजगार एवं राशि में सरकार के नुमाइंर्दो द्वारा ही भ्रष्टाचार की शिकायत सामने आ रही हैं। इस तरह के भ्रष्टाचार से आमजन में सरकारी योजनाओ पर से विश्वास उठने लगता है। रतलाम जिला मुख्यालय से मात्र 15 किमी दूर स्थित रामपुरिया गांव का ऐसा ही मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि मनरेगा घोटाले में सक्रिय गिरोह ने जालसाजी कर लाखो रुपये की निकासी की है। सचिव ने कागजो पर कुआं और तालाब दिखाकर शासन से लाखो रूपये हड़प लिए है। यह आरोप रतलाम जिले के रामपुरिया में ग्रामीणों ने ग्राम सचिव मांगीलाल डिंडोर पर लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सचिव द्वारा ग्रामीणों के खेत पर कुए और तालाब बनाने के लिए सिर्फ कागजी कार्रवाई की गई और कागजो पर ही तालाब और कुआं दिखा कर शासन के पैसों को हड़प लिया।

बना दिए 1 ही व्यक्ति के दो-तीन जाब कार्ड

साथ ही ग्रामीणों ने ग्राम सचिव और सहायक सचिव पर यह भी आरोप लगाया है कि 2008 से मजूदरों के बैंक अकाउंट तो खुलवा दिए हैं पर मजदूरी का पैसा नहीं मिला। ग्रामीणों ने एक ही मजदूर के 2 या 3 जॉब कार्ड होना बताया। गांव के शंकर बताते है कि गांव में कई लोग ऐसे है जिनके जॉब कार्ड में 2 बार बनाए गए है। गांव के लोगो ने सचिव और सहायक सचिव पर मजदूरी के पैसे नहीं देने का आरोप लगाते हुए बताया कि मजदूरी का पैसा भी कई वर्षो से नहीं मिला। साल में 90 दिनों की मजदूरी का पैसा सरकार से आता होगा पर हमें कभी नहीं मिला। एटीएम भी हमारे पास नही है। मजदूरो का आरोप है कि जब भी कोई सचिव की शिकायत करता है तो मामले को सचिव रफादफा करवा देता है। ग्रामीणों द्वारा इसकी शिकायत कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को करने की बात भी कही।

जानकारी देते ग्रामीणजन
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तालाब का अस्तित्व नहीं मिला


इस जमीन पर कागजो में तालाब दिखाने का लगा आरोप

ग्रामीणों ने बताया की खेतो पर तालाब खुदवाने की बात सचिव द्वारा कही गई थी पर आज दिनांक तक कोई तालाब हमारे खेत पर नहीं बना और कागजों पर ही तालाब और कुआं बना हुआ दिखाकर पैसे निकालने का आरोप भी ग्राम सविच पर लगाया है। जब हमारे द्वारा गांव में सम्पर्क किया गया तो गांव के नरसिंह पिता वेलजी ने बताया कि उनके खेत पर भी सचिव द्वारा 30 मीटर का तालाब बनवाने के लिए सम्पर्क किया गया था। कागजी कार्रवाई के बाद भी जब कोई काम नहीं हुआ तो उन्होने जानकारी निकलवाई तो पता चला की खेत पर तालाब बनाने के लिए सरकार द्वारा राशि जारी की गई है। सरकार द्वारा राशि जारी की गई और उन्हें नहीं मिली तो वागजी द्वारा सचिव को सम्पर्क किया गया तो सचिव द्वारा ये कहते हुए हमेशा टाल दिया जाता है कि वो बाद में देखकर बताएंगे।

राशि जारी तो हुई पर मजदूरो तक नहीं पहुंची

ग्रामीणो का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने में 90 दिन की मजदूरी का पैसा भी नहीं मिला। जब ऑनलाईन जानकारी निकाली गई तो पता चला कि सरकार द्वारा मजदूरी का पैसा अकाउंट में आया हैं। पर उनके पास तो एटीएम भी नहीं हैं। और कोई पैसा आने की जानकारी भी नहीं हैं। उन्हें सालो से मजदूरी का पैसा नहीं मिल रहा है। मजदूरी की राशि जारी की गई हैं परंतु मजदूरो तक नहीं पहुंची। आरोप यह भी हैं कि 2 से ज्यादा जॉब कार्ड भी बनाए गए हैं।

ग्राम सचिव हमारी नहीं सुनता, कार्य की जानकारी नहीं देता- मूंगा बाई सरपंच 

गांव की सरपंच मूंगा बाई ने बताया कि ग्राम सचिव हमारी नहीं सुनता। गांव में होने वाले किसी भी कार्य की जानकारी नहीं देता। पंचायत भवन की चाबी भी सचिव के पास रहती हैं। मनरेगा की राशि के भ्रष्टाचार के बारे में चर्चा करने पर सरपंच ने कहा की इसकी शिकायत पूर्व में भी जनपत पंचायत सीईओ, कलेक्टर को कर चुके हैं पर अभी तक कोई कार्रवाई नही हुई।

फोन उठाना कर दिया बंद

खबर पर सचिव का पक्ष जानने के लिए खबरगुरू डॉट कॉम द्वारा ग्राम सचिव से सम्पर्क करने का कई प्रयास किया गया। सचिव इस खबर पर जानकारी देने से बचते रहें। एक बार तो फोन उठाया उसके बाद मामले की जानकारी होने पर फोन उठाना बंद कर दिया।

पानी की टंकी बनाकर पाइप लाइन बिछाई 2 साल बाद भी पानी को तरस रहे ग्रामीण

पंचायतों की सूरत बदलने का तानाबाना बुना गया है। सरकार की मंशा है की हर व्यक्ति को शुद्ध पेयजल मिले। इसके लिए नल जल योजना को लागू किया गया। जिसको साकार करने के लिए पंचायतों में लाखों रुपये की लागत से बोरिग कराकर पानी टंकी बनाई गई। घरों तक जलापूर्ति के लिए पाइप बिछाया गया। इसके बावजूद यह योजना पदाधिकारियों के लाख प्रयास के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में आकार नहीं ले सकी है। ग्रामीण शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे हैं।

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मामले की जानकारी नहीं हैं। फिर भी पूरे मामले को मैं दिखवाती हूं।

श्रीमती जमना भिड़े (सीईओ-जिला पंचायत )

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