Categories

Post Widget 1

Heath Tips

  • In enim justo, rhoncus ut, imperdiet a
  • Fringilla vel, aliquet nec, vulputateDonec pede justo,  eget, arcu. In enim justo, rhoncus ut, imperdiet a, venenatis vitae, justo.Nullam dictum felis eu pede mollis pretium.

संडे स्टोरी : टेस्ट ट्यूब बेबी से हरी-भरी होगी महिलाओं की गोद, मेडिकल कॉलेज में जल्द शुरू होगा IVF सेंटर

संडे स्टोरी : टेस्ट ट्यूब बेबी से हरी-भरी होगी महिलाओं की गोद, मेडिकल कॉलेज में जल्द शुरू होगा IVF सेंटर

डॉ हिमांशु जोशी

खबरगुरु (रतलाम) 3 सितम्बर। ऐसी महिलाएं जो मां बनने का सुख खो चुकी व बांझ जैसे घिनोने शब्द का दंश झेल रही है उनके लिए यह सुखद खबर है। अब रतलाम के शासकीय मेडिकल कॉलेज में कृत्रिम गर्भाधान व गर्भाधान वीर्य प्रत्यारोपण (टेस्ट ट्यूब बेबी) पद्धति से मां बनने का सपना पूरा हो सकेगा। जब प्राकृतिक रूप से महिला गर्भवस्था के चक्र तक नहीं पहुंच पाती है और महिला के मॉं बनने का सपना पूरा नहीं हो पाता ऐसी परिस्थिती में उनके सपनो को पूरा करने का चमत्कार मेडिकल साइंस के पास है। कारणों का उचित निदान होता है और फिर सहायक प्रजनन तकनीकों की मदद से गर्भ ठहराने का प्रयास मेडिकल साइंस द्वारा संभव है। अब इसके लिए शहर या प्रदेश से बाहर जाने की जरूरत नहीं है। रतलाम के शासकीय मेडिकल कॉलेज में आईवीएफ (IVF) सुविधा मिलने वाली है। मेडिकल कॉलेज में आईवीएफ सेंटर शुरू होने से कमजोर आय वर्ग के दंपतियों को फायदा होगा, जो निजी सेंटर का खर्च नहीं उठा सकते। यहां इन महिलाओं का निशुल्क इलाज किया जाएगा।

रतलाम शासकीय मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता ने बताया की निसंतान दंपतियों के लिए यह सुविधा रतलाम में ही शुरू हो जाएगी। आज के बदलते परिवेश में की निसंतानता के कई कारण हो सकते हैं ऐसे में डॉक्टर की उचित सलाह लेकर आईवीएफ के द्वारा महिलाओं का मां बनने का सपना पूरा हो सकता है। डॉ. गुप्ता ने बताया कि रतलाम शासकीय मेडिकल कॉलेज बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाते हैं। आईवीएफ के महंगे बजट के कारण कई मध्यम वर्गीय परिवार इसका लाभ नहीं उठा पाए और दंपती संतान सुख से वंचित रह जाते हैं। अब ऐसे सभी दंपतियों के लिए रतलाम के शासकीय मेडिकल कॉलेज में यह सुविधा मिलने जा रही है, इसके लिए रतलाम मेडिकल कॉलेज में सभी कार्य प्रगति पर है। 3000 स्क्वायर फीट एरिया में सेंटर तैयार होगा और कुछ ही महीना में यह सुविधा रतलाम में शुरू हो जाएगी। इसके लिए बजट की डिमांड भी की गई है।

अभी है सुविधा देश के चुनिंदा शहरों में उपलब्ध है। और इस इलाज के लिए लाखों रुपए खर्च करना होते हैं। जिसके चलते कई निसंतान दंपति इस सुविधा का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं। अब यह सुविधा रतलाम में ही शासकीय मेडिकल कॉलेज में मिलेगी जिससे कई मध्यम वर्ग के परिवारों को लाभ होगा। इस सुविधा से अब उन महिलाओं की परेशानी हल हो जाएगी जो किसी कारणवश मातृत्व सुख प्राप्त नहीं कर पा रही थीं।

इसके लिए साप्ताहिक ओपीडी रहेगी। ओपीडी में एक आईवीएफ विशेषज्ञ की नियुक्ति की जाएगी जो निसंतान दंपत्तियों को गाइड करेंगे। इसके अलावा ओपीडी में आनेवाले मरीजों की जांच अंडर वन रूफ की जाएगी। यानी प्राथमिक उपचार के बाद भी दंपती की समस्या का निवारण नहीं हो रहा है तो फिर इस क्लिनिक में उस समस्या का निवारण करने का कार्य किया जाएगा।

क्या है आईवीएफ तकनीक

मेडिकल साइंस लगातार नई तकनीक इजात कर रहा है। लाइलाज बीमारियों के संभव इलाज के लिए प्रयासरत है। आईवीएफ (IVF) एक सहायक प्रजनन तकनीक है जो अन्य तरीकों से ज्यादा असरदार होती है। इस तकनीक में भ्रूण का निर्माण लैब में होता है और भ्रूण को सीधा महिला के गर्भाशय में डाला जाता है।  इस तकनीक में एक परखनली में महिलाओं के एग और पुरुष के स्पर्म  का फर्टिलाइजेशन कराया जाता है। भ्रूण तैयार होने पर उसे महिला के गर्भाशय में प्रवेश कराया जाता है। जिसके बाद महिला गर्भधारण कर बच्चे को जन्म देती है। यह तकनीक ऐसी महिलाओं के लिए बेहतर विकल्प है जिन दंपतियों पर दवा, सर्जरी ओर कृत्रिम गर्भाधान की विधियां काम नहीं करती है।

 

 

Share This Post

Dr. Himanshu Joshi

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Read also x

error: Content is protected !!