खबरगुरु (रतलाम) 14 जनवरी। जीवन पोषण कार्यक्रम के उत्कृष्ट क्रियान्वयन में रतलाम जिले को प्रदेश में तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है। इस उपलब्धि पर प्रदेश के शिक्षा मंत्री श्री इंदरसिंह परमार ने जिले को ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। साथ ही उत्कृष्ट विद्यालय की शिक्षिका रीना कोठारी को भी सर्वाधिक सत्र लेने और रिपोर्टिंग करने पर प्रदेश के 37 शिक्षकों की सूची में स्थान मिलने पर पुरस्कृत किया। समग्र शिक्षा अभियान लोक शिक्षण संचालनालय मध्यप्रदेश भोपाल यूएनएफपीए एवं बीजीएमएस इंदौर के संयुक्त निर्देशन में मध्यप्रदेश के सभी शासकीय हाईस्कूलों और हाई सेकेंडरी स्कूलों में कक्षा नौवीं से बारहवीं तक जीवन कौशल शिक्षा कार्यक्रम वर्ष 2017 से संचालित है।
शिक्षा व्यक्ति को उसके दैनिक जीवन में आने वाली चुनौतियां और परेशानियों का सामना करने में सक्षम बनाती है
जिला शिक्षा अधिकारी के.सी. शर्मा तथाजीवन कौशल शिक्षा के प्रथम राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर एवं जिलासमन्वयक योगेश पाल ने बताया कि जीवन कौशल शिक्षा जीवन जीने की वे व्यवहारिक एवं सकारात्मक बातें हैं जो व्यक्ति के जीवन को खुशहाल, तनाव रहित और सफल जीवन जीना सिखाती है। यह शिक्षा व्यक्ति को उसके दैनिक जीवन में आने वाली आवश्यकताओं, चुनौतियां और परेशानियों का सामना करने में सक्षम और सामर्थ्यवान बनाती है। जीवन कौशल शिक्षा सीखने और सिखाने की ऐसी प्रक्रिया है जो किशोर उम्र में ही विद्यार्थियों को जानकारी प्रदान करने और उन्हें विभिन्न जीवन कौशल विकसित करने में लेने में सक्षम बनाने के साथ-साथ सकारात्मक व्यवहार की दिशा में प्रेरित कर उनका सर्वांगीण विकास करती है।
जीवन कौशल शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत स्वजागरूकता, समानुभूति, संवाद कौशल, अंतर वैयक्तिक संबंध, समालोचनात्मक चिंतन, सृजनात्मक या रचनात्मक चिंतन, समस्या समाधान, निर्णय कौशल, तनाव प्रबंधन तथा भावना प्रबंधन जैसे गुण प्रायोगिक गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को अनुभवात्मक सीख चक्र द्वारा सिखाए जाते हैं। रतलाम जिले की अप्रतिम उपलब्धि पर संयुक्त संचालक लोक शिक्षण श्रीमती जयश्री पिल्लई, जिला शिक्षा अधिकारी के.सी. शर्मा, सहायक संचालक लक्ष्मण देवड़ा, एडीपीसी अशोक लोढा, एपीसी सी.एल. सलित्रा तथा अन्य विभागीय कर्मचारियों ने जीवन कौशल टीम रतलाम को बधाई दी है।