नई दिल्ली (ख़बरगुरु) 24 अप्रेल 2017 : छत्तीसगढ़ के सुकमा में सोमवार को नक्सलियों ने सीआरपीएफ जवानों पर हमला कर दिया. इस हमले में सीआरपीएफ के 26 जवान शहीद हो गए. घात लगाकर हुए हमले में जवानों को संभलने का मौका नहीं मिला. रिपोर्टों के मुताबिक करीब 300 नक्सलियों ने सीआरपीएफ पर हमला किया. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इन 300 नक्सलियों में करीब 70 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं. जबकि 6 जवान लापता हैं.नक्सलियों ने दोपहर करीब 12.30 बजे घात लगाकर सीआरपीएफ जवानों पर हमला किया.
रक्षा राज्य मंत्री हंसराज अहीर और सीआरपीएफ के डीजी को सुकमा में जाने के लिए कहा गया है. साथ ही हमले की जगह पर आईजी और डीआईजी रवाना हो गए हैं. सभी जवान सीआरपीएफ 74 बटालियन के थे. नक्सली जवानों का हथियार भी लूटकर ले गए. हमले में 6 जवान घायल है जिनमें पांच की हालत गंभीर बताई जा रही है.
मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बुलाई आपात बैठक
नक्सली हमले के बाद राज्य के मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने आपात बैठक बुलाई है. सुकमा के एसपी ने जवानों के शहीद होने की पुष्टि की है.
घात लगाकर किया हमला
मिली जानकारी के मुताबिक चिंतागुफा के पास बुर्कापाल में नक्सलियों ने रोड ओपनिंग पार्टी पर घात लगाकर हमला किया. सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन रोड ओपनिंग के लिए निकली थी. इसी दौरान घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी. अन्य जवानों ने भी फायरिंग कर नक्सलियों को जवाब दिया. लंबे समय तक दोनों ओर से फायरिंग चलती रही. इस दौरान कई जवान गंभीर रुप से घायल हो गए जिन्हें अस्पताल ले जाया गया.
सुकमा नक्सलियों का गढ़
गौर हो कि सुकमा नक्सलियों का गढ़ है और यहां नक्सलियों की सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमले की कई वारदातें हुई है जिसमें कई जवानों को शहीद होना पड़ा है. इसी साल 11 मार्च को नक्सलियों ने घात लगाकर सुरक्षा बलों पर हमला किया था जिसमें सेना के 12 जवान शहीद हो गए थे. इसके पहले 10 मार्च को नक्सलियों ने सुकमा में मुखबिर होने के संदेह में एक सरपंच की हत्या कर दी थी. नक्सल प्रभावित सुकमा इलाके में आए दिन नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ होती रहती है.
2014 में सीआरपीएफ के 14 जवानों की गई जान
नक्सलियों ने दिसंबर 2014 में भी सीआरपीएफ के जवानों पर भीषण हमला किया था. सुकमा जिले के चिंतागुफा इलाके में एंटी-नक्सल ऑपरेशन चला रहे सीआरपीएफ के जवानों पर नक्सलियों ने हमला कर दिया। नक्सलियों ने यह हमला उस वक्त किया था जब सीआरपीएफ के जवान अपने साथी जवानों के शव ढूंढ रहे थे। घात लगाकर किए गए इस हमले में 14 जवान शहीद और 12 घायल हुए थे.