सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को एक साथ तीन बार तलाक बोलकर तलाक देने की व्यवस्था (तलाक-ए-बिद्दत) को असंवैधानिक करार दिया था. इसके तहत केंद्र अब तीन तलाक पर कानून बनाने के लिए लोकसभा में बिल पेश करने वाली है.
सुप्रीम कोर्ट ने एक साथ तीन तलाक को ना सिर्फ असंवैधानिक बताया, बल्कि गैर कानूनी भी करार दिया. अब अगर कोई मुस्लिम पुरुष अपनी पत्नी को एक साथ तीन तलाक कहता है तो महिला अपना कानूनी हक लेकर सीधे कोर्ट जा सकती है. कोर्ट में पुरुष का तीन तलाक तत्काल खारिज हो जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले को एतिहासिक बताया था. पीएम मोदी ने कहा था, ‘’सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला ऐतिहासिक है. इससे मुस्लिम महिलाओं को समानता अधिकार मिलेगा और ये महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम है.’’
प्रस्तावित कानून सिर्फ एक बार में तीन तलाक के मामले में लागू होगा और इससे पीड़िता को अधिकार मिलेगा कि वह उचित गुजारा भत्ते की मांग करते हुए मजिस्ट्रेट से संपर्क कर सके.