खबरगुरु (काठमांडू) 13 जून। नेपाल की संसद में नए मानचित्र को शामिल करने के लिए पेश संवैधानिक संशोधन बिल शनिवार को पारित हो गया। नए मानचित्र में भारत के उत्तराखंड राज्य के तीन इलाकों कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को शामिल किया गया है।
नेपाल के 275 सदस्यों वाले निचले सदन में विधेयक को पारित करने के लिये दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है। निचले सदन से पारित होने के बाद विधेयक को नेशनल असेंबली में भेजा जाएगा, जहां उसे एक बार फिर इसी प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा। अब इस बिल को नेशनल असेम्बली में भेजा जाएगा, जहां सत्तारुढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी को दो-तिहाई बहुमत है। इसलिए बिल को इस सदन में अपेक्षित समर्थन मिलने में कोई कठिनाई नहीं होगी। बिल के नेशनल असेम्बली से पारित होने के बाद पुष्टि के लिए उसे राष्ट्रपति को भेजा जाएगा, जिनकी मंजूरी के बाद इसे संविधान में शामिल कर लिया जाएगा। हालांकि इसके पहले बुधवार को सरकार ने संबंधित क्षेत्र के बारे में ऐतिहासिक तथ्य और सबूत जुटाने के लिए नौ सदस्यीय विशेषषज्ञ समिति गठित की थी। ऐसे में राजनयिक और विशेषषज्ञ यह सवाल उठा रहे हैं कि जब कैबिनेट ने नक्शे को मंजूरी दे दी और उसे जारी भी कर दिया गया तो फिर टास्क फोर्स क्यों गठित की गई।
18 मई को जारी किया था नया नक्शा
नेपाल ने 18 मई को एक नया नक्शा जारी किया था, जिसमें भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपना हिस्सा बताया था। भारत ने लगातार इसका कड़ा विरोध किया लेकिन नेपाल अब इस नक्शे पर अड़ गया है।