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कोरोना वायरस से जंग में आयुष विभाग के डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ टीम डटी, बड़े योद्धा साबित हो रहे हैं

खबरगुरु (रतलाम ) 18 अप्रैल 2020। कोरोना वायरस से जंग में आयुष डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ कोरोना वायरस एक वैश्विक महामारी बन चुकी है। भारत भी इस संक्रामक बीमारी से अछूता नहीं रहा है,धीरे धीरे संक्रमित व्यक्तियों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। इस संक्रमण को रोकने के लिए सम्पूर्ण देश में जारी लॉक डाउन के बीच सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है जिले कि आयुष चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम ने। कोरोना से जंग में आयुष विभाग के चिकित्सक और स्टाफ भी लड़ रहा हैं । इस जंग में आयुष विभाग के उन चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ की भूमिका भी बेहद अहम है, जो पहली कतार में खड़े होकर कोरोना के खिलाफ छिड़ी जंग लड़ रहे हैं। सही मायने में कहें तो आयुष विभाग के चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ की भूमिका महामारी से जंग में बिल्‍कुल वैसे ही है, जैसे एक शरीर में रीड़ की हड्डी की होती है। चिकित्सकों की पूरी एक टीम मरीजों की देखभाल कर रही है। सुबह हो या शाम, दिन हो या रात ये टीम डटी हुई है। कोरोना की जंग में शामिल होकर संक्रमण से लड़ने के लिए आयुष चिकित्सकों की सेवाएं नगरीय व ग्रामीण इलाकों में इलाज करने में सराहनीय भूमिका अदा की जा रही है।

इस दौरान अलग-अलग परिवार का ब्योरा इकट्ठा करने और उसकी एंट्री की जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। ये आयुष चिकित्सकों क्वारंटाइन केंद्रों, बैरियर ड्यूटी, रैपिड रिस्पांस टीम और इमरजेंसी ओपीडी में भी अपनी सेवाएं देते हैं। सीमित संसाधनों के साथ,अपने कार्य के प्रति पूरी तरह गंभीर यह टीम जमीनी स्तर पर पूरा मोर्चा सम्हाले हुए है। अपनी जान की परवाह किए बिना,शासन के निर्देशानुसार चाहे संक्रमित क्षेत्र का सर्वे हो,चाहे शहर की चेकपोस्ट पर बाहर से आने वाले व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण करना हो या फिर एम.एम.यू. के माध्यम से शहर के रहवासियों को घर पहुँच स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना हो,यह टीम पूरी निष्ठा,और मुस्तैदी से देशहित में दिनरात अपनी सेवाएँ दे रही है और लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने में लगी है।

खबरगुरू डॉट कॉम से बातचीत में आयुष विभाग रतलाम की अधिकारी डॉ प्रमिला चौहान ने बताया की हमारे पास दवाईया पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। आवश्यकता के अनुसार दवाइया बनाकर प्रशासन को भी उपलब्ध करवाते है और जहॉ दवाईया नही पहुॅची जानकारी में आते ही उपलब्ध करवाते है। कोरोना वाईरस कि रोकथाम व नियंत्रण हेतु आयुष विभाग जिला रतलाम द्वारा संपूर्ण जिले मे 17 दल गठित किये गये है। दल प्रवासी मजदूर जो कि रतलाम जिले एवं अन्य स्थान से इस जिले मे आया हो कि सतत् प्रतिदिन ओषधियों का वितरण कर रहे है। फिल्ड कार्य में लगे कर्मचारी घर-घर जाकर कार्य कर रहे है परन्तु उनके पास पीपीई किट उपलब्ध नही है।

ये है रतलाम जिले के आयुष चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ

रतलाम शहर-डॉ बलराज चौहान,डॉ आशीष राठौर,डॉ इंतेखाब मंसूरी,डॉ प्रीति मईडा,डॉ संगीता सोलंकी ।
रतलाम ग्रामीण-डॉ रमेश कटारा, डॉ नेवालाल भुगवाड़े,डॉ अंकित विजियावत,डॉ रंजीता सिंगार, डॉ रवि कलाल,डॉ वर्षा राठौर,डॉ रागिनी शर्मा।
पैरामेडिकल टीम- कैलाश यादव,अनिल मेहता,हिम्मतलाल अकोदिया,ज्योति पाटिल,अशोक शर्मा शिकारिया ब्रह्मणे ।

बिना पीपीई किट कर रहे डोर टू डोर कार्य

सुरक्षा किट (पीपीई किट) और ग्लब्स की कमी से जुझ रहा है आयुष विभाग। फिल्ड कार्य में लगे कर्मचारी घर-घर जाकर कार्य कर रहे है परन्तु पीपीई किट नही है। बिना पीपीई किट के फिल्ड वर्क करना और सड़कों पर उतरना उनके लिए खतरे से खाली नहीं है ।

आयुष के बारे में जाने

आयुर्वेद योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा,यूनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी (आयुष) : संचालनालय द्वारा अधीनस्थ संस्थाओं के माध्यम से आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी चिकित्सा पद्धतियों द्वारा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाओं का प्रदाय तथा समस्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जाता है। आयुष जो की अंग्रेजी के अक्षर AYUSH जिसका फुलफार्म आयुर्वेद, योगा, यूनानी, सिद्धा एवं होम्‍योपैथी (Ayurvedic, Yoga and Naturopathy, Unani, Siddha and Homeopathy)है। यह विभाग इन सभी स्‍वास्‍थ्‍य प्रणालियों का संवर्धन एवं विकास तथा इन प्रणालियों के माध्‍यम से आमजन को स्‍वास्‍थ्‍य सेवायें प्रदान करना तथा इनसे संबंधित चिकित्‍सा शिक्षा का संचालन, नियंत्रण का कार्य विभाग द्धारा किया जाता है।

आरोग्य दूत की जिम्मेदारी निभाएंगे

कोरोना को लेकर आयुष मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन के तहत आयुर्वेद और होम्योपैथ के डॉक्टरों को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार होंगे। यह आरोग्य दूत की जिम्मेदारी निभाएंगे। ये लोगों को जागरुक करने के साथ दवाओं के बारे में भी बताएंगे। किन-किन औषधियों और जड़ी बूटियों से वायरस को मात दिया जा सकता है। वह ऐसी जड़ी बूटियों की तलाश भी करेंगे, जिससे कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई को मदद मिल सके।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें

राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने कोरोना से लड़ने के लिए सात मंत्र दिए। जिनमें एक मंत्र इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का भी है। पीएम मोदी ने कहा कि अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें, गर्म पानी और काढ़ा का निरंतर सेवन करें। तो आइए जानते हैं कुछ घरेलू चीजों के बारे में जिनसे इम्यूनिटी बढ़ाई जा सकती है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के तरीके

  • सुबह 10 ग्राम यानी एक चम्मच च्यवनप्राश का सेवन करें। यदि आपको मधुमेह है तो शुगर फ्री च्यवनप्राश का सेवन करें।
  • गर्म दूध में हल्दी पाउडर मिलाकर दिन में एक या दो बार पीएं।
  • तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सूखी अदरक और मुनक्का से बनी हर्बल चाय/काढ़ा दिन में एक या दो बार पीएं।

कोरोना के ख़तरे को कम करने के उपाय

  • दिन में कई बार 20सेकंड तक अपने हाथो को धोये।
  • खांसने या छींकने पर टिशु पेपर इस्तेमाल करें।
  • हाथ साफ़ नहीं हो तो आंखों, नाक और मुंह को छूने बचें।
  • भीडभाड वाली जगहो पर जाने से बचे।
  • हाथ मिलाना छोडे और नमस्कार करना शुरू करें।
  • सार्वजनिक जगहो पर जाते समय मास्क जरूर पहने।
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admin

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