ख़बरगुरु (नई दिल्ली) 18 अप्रेल 2019। जेट एयरवेज इमरजेंसी फण्ड नहीं मिलने के बाद अपने सभी ऑपरेशंस पर अस्थाई तौर पर रोक लगा दी है। जेट को 400 करोड़ रुपये का इमरजेंसी फंड नही मिल पाया। जेट एयरवेज 25 साल पुरानी एयरलाइन है और कंपनी पर 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। अगर कंपनी बंद होती है तो 20 हजार लोगों की नौकरी चली जाएगी।करीब 25 वर्षो तक लोगों को विमान सेवायें देने वाली एयरलाइन ने कहा कि बुधवार मध्यरात्रि को अमृतसर से नयी दिल्ली के लिये उसकी आखिरी उड़ान भरी। इसके बाद उसकी विमान सेवायें अस्थाई तौर पर बंद करने का कहा गया था। अब किसी भी वक्त जेट एयरलाइंस को बंद करने की औपचारिक ऐलान हो सकता है।
एयर इंडिया प्रमुख ने बताया विमानन क्षेत्र के लिए झटका
एयर इंडिया प्रमुख अश्वनी लोहानी ने बुधवार को जेट एयरवेज के अस्थाई तौर पर बंद होने को भारतीय विमानन क्षेत्र के लिये झटका बताया। उन्होंने कहा कि हवाई उड़ान व्यवसाय में लगे पक्षों के लिये यह दुखद दिन है। अश्वनी लोहानी ने फेसबुक पोस्ट में कहा कि देश में विमानन क्षेत्र में लगे सभी के लिये यह दुखद दिन है। यह इस लिहाज से दुखद है कि एक बेहतर एयरलाइन को कारोबार बंद करना पड़ रहा है।