खबरगुरु (इंदौर) 14 सितंबर। आज दिनांक को जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख द्वारा बताया गया कि, न्यायालय श्रीमती नीलम शुक्ला विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) इंदौर के समक्ष थाना चंद्रावतीगंज के अप.क्र.54/2020 धारा 363, 366, 376, 376(2)(एन), 376(3), 506, 450 भादवि व धारा 5I, 5j(ii)/6 पाक्सो एक्ट में गिरफ्तारशुदा आरोपी श्रवण पिता चेना उर्फ चेनसिंह नाथ निवासी ग्राम बालरिया चंद्रावतीगंज इंदौर द्वारा जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया एवं जमानत पर छोडे जाने का निवेदन किया गया। अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्रीमती सुशीला राठौर द्वारा जमानत आवेदन का विरोध करते हुए कहां गया कि अपराध गंभीरतम प्रकृति का है यदि आरोपी को जमानत का लाभ दिया गया तो वह फरियादी एवं साक्षियों को डराएगा, धमकाएगा तथा आरोपी के फरार होने की संभावना है। अत: आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त किया जाएं। अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त किया गया।
अभियोजन की कहानी इस प्रकार है कि दिनांक 19.06.2020 को फरियादीया ने रिपोर्ट लेख कराई कि मेरे मोहल्ले का श्रवण जिसे मैं बचपन से पहचानती हूं करीब 11 माह पूर्व श्रवण ने मुझे कहां था कि मैं तुमसे प्यार करता हूं। मुझे लगा कि मजाक कर रहा है। फिर मुझसे बात करता रहा उसके बाद एक दिन मैं और मेरे दोनो छोटे भाई झोपडी में सो रहे थे, आधी रात को श्रवण मेरी झोपडी में आया और मुझे उठाकर बोला कि चल मेरे साथ, मैने बोला कहां ले जा रहा है तो श्रवण बोला तुझसे प्यार करता हूं। तू मेरे साथ चल नही तो तेरे दोनो भाई को मार डालूंगा। तो मैं श्रवण के साथ चली गई, श्रवण मुझे पास वाली खाली झोपडी में ले गया और जबरदस्ती मेरे साथ गलत काम किया। जब मै रोने लगी तो उसने मुझसे कहां कि यह बात किसी को मत बताना नही तो तेरा गला दबा दूंगा। उसके बाद मैं भागकर झोपडी में आकर सो गई। फिर श्रवण रोज ऐसे ही मेरे साथ गलत काम करता रहा। कल रात को मेरे पेट में दर्द होने लगा, फिर सुबह करीबन 10 बजे मेरे छोटे भाई के साथ सरकारी अस्पताल इलाज के लिए आई, जहां डॉक्टर ने मुझे बताया कि मैं गर्भवती हूं और फिर मुझे इलाज के लिए इंदौर सरकारी अस्पताल भेज दिया जहां मैने एक बच्चे को जन्म दिया। जिसे आईसीयू में भर्ती करना पडा जहां पर फरियादिया के कथन के आधार पर देहाती नालसी लेखबद्ध की गई वापिस थाने आकर आरोपी के विरूद्ध असल कायमी कर विवेचना में लिया गया। विवेचना दौरान आरोपी को गिरफ्तार किया गया एवं बच्चे, मां व आरोपी का डीएनए कराये जाने के लिए एफएसएल लेब भेजा गया। जांच दौरान ही जन्मे बच्चे की मृत्यु हो जाने पर मर्ग कायम किया गया एवं संपूर्ण विवेचना पश्चात चालान न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था।