खबरगुरु (रतलाम) 07 दिसम्बर। कई बार खून की कमी के चलते लोगों की जान चली जाती है। इसका मुख्य कारण आत्युधनिक युग में रक्त की पूर्ति का कोई विकल्प न होना। रक्तदान समाजसेवा का ऐसा अनोखा अवसर है, जिसके माध्यम से आप दूसरों की ऐसी सहायता करते है जो उसे सारा जीवन याद रहती है। समाजसेवी गोविंद काकानी ने 60 वर्ष की उम्र में 92वी बार रक्तदान कर मानवता की मिसाल पेश की।
रक्त ही रक्त का विकल्प है
कोविड काल में जहा आदमी घबरा रहा है ऐसे में मानव सेवा समिति मेंं लगभग 400 यूनिट ब्लड उपलब्ध होना यही दर्शाता है की रतलाम की जनता जागरूक है। और किसी भी परिस्थिती में ब्लड की कमी नही होने दी जायेगी। जब भी किसी को रक्त की जरूरत पड़ती है तो किसी न किसी को रक्तदान करना ही पड़ेगा। आज भी रक्त ही रक्त का विकल्प है।
परिवार के सदस्यो के जन्मदिवस पर रक्तदान करने की परंपरा सी बना ली
खबरगुरू डॉट कॉम से चर्चा में गोविंद काकानी ने बताया की मैंने 1980 पुणे शहर से रक्तदान करना शुरू किया था। आज भी रक्दान करने को तैयार रहता हूं। 60 की उम्र पार हो गई होगी है और अभी तक 92 यूनिट ब्लड डोनेट कर चुका हूं। काकानी ने बताया की रक्तदान से उन्हे सकारात्मक उर्जा मिलती है। आज भी बेहद स्वस्थ हूं और पूरे परिवार के साथ खुशहाल जीवन बिता रहा हूं। हर दम लोगों को रक्त के प्रति जागरूक करता हूं। इतनी बार रक्तदान करना इस बात का प्रतीक है की रक्तदान करने से आदमी स्वस्थ्य रहता है। काकानी ने परिवार के सदस्यो के जन्मदिवस पर रक्तदान करने की परंपरा सी बना ली है। कोरोना काल में 5 मई 2020 को पोती द्राक्षी के जन्मदिन, 4 सितम्बर 2020 को धर्मपत्नी सुनीता काकानी और 7 दिसंबर यानी आज बेटे के जन्मदिन पर रक्तदान कर जन्मदिन मनाया। काकानी का कहना है की ईश्वर ने ये अवसर उन्हे दिया है।
ये रहें मौजूद
काकानी के 92वीं बार रक्तदान के समय वर्तमान अध्यक्ष मोहनलाल पाटीदार (मोहन मुरलीवाला), पूर्व अध्यक्ष सुरेशचन्द्र अग्रवाल, डॉ इंदरमल मेहता और ब्लड बैंक स्टॉॅफ मौजूद रहा।