खबरगुरु (रतलाम) 19 फरवरी। प्रदेश के सीधी जिले में मंगलवार को हुए दर्दनाक बस हादसे में 52 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। कलेक्टर गोपाल चंद डाड ने संजीदगी दिखाते हुए ओवरलोड और नियमों को ताक में रख कर दौड़ए जा रहे वाहनों पर कार्रवाई के निर्देश दिए। कलेक्टर के आदेश के बाद जिला परिवहन अधिकारी ने शुक्रवार को यात्री बसों की तबाड़तोड़ चेकिंग शुरू कर दी। 8 वाहनों की चैकिंग कर 12 वाहनों पर 46 हजार 500 रुपए जुर्माना करने का दावा किया गया। कार्रवाई प्रभावी ढंग से हो रही है ये आमजन को भी पता होना चाहिए। कार्रवाई निष्पक्ष होना चाहिए इसके लिए अधिकारीयों को पूरी जानकारी आमजन तक साझा करना चाहिए परंतु यहां ऐसा होता प्रतीत नहीं हो रहा है।
परिवहन कार्यालय भेजी गईं तीन में से दो बसों का क्या हुआ?
देर शाम जनसंपर्क विभाग के माध्यम से परिवहन विभाग की मुस्तैदी की जानकारी साझा की गई। शुक्रवार को 38 वाहनों की चैकिंग कर 12 वाहनों पर 46 हजार 500 रुपए जुर्माना करने का दावा किया गया। इसके अलावा दो वाहनों में स्पीड गवर्नर नहीं होने से फिटनेस निरस्त किए गए। एक लोडिंग वाहन में 26 सवारियां ढोई जाने पर जब्त किया गया। इसके अलावा एक बस जब्त करने का भी जिक्र है। यह बस कहां से कहां चलती है और उसमें क्या कमियां मिलीं, इसका खुलासा नहीं किया गया। विभाग ने स्पीड गवर्नर विहीन वाहनों के बारे में भी कोई खुलासा नहीं किया कि कौन से वाहन हैं और न ही यह बताया गया है कि कार्रवाई के दौरान परिवहन कार्यालय भेजी गईं तीन में से दो बसों का क्या हुआ? आरटीओ मांझी की ओर से इन सवालो पर कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नही हुई। प्रतिक्रिया प्राप्त नही होना कई संदेह को जन्म देता है। इस प्रकार के रवैये से तो यही लगता है की अधिकारियों की पूरी कार्रवाई महज खानापूर्ति तक सीमित है।
कोई बड़ा चेकिंग अभियान चलाकर यात्री बसों पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की
बता दें कि मोटर व्हीकल एक्ट का पालन नहीं करते हुए कई बसों का संचालन हो रहा है। कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन में कई बस मालिकों ने बसों की फिटनेस जांच नहीं कराई, न बीमा रिन्युअल कराया है। आरटीओ ने एक साल से कोई बड़ा चेकिंग अभियान चलाकर यात्री बसों पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की।