खबरगुरु (मुंबई) 7 जून । राष्ट्र के प्रति अपनी सम्पूर्ण प्रतिबद्धता को बखूबी निभाने के लिए पश्चिम रेलवे यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है, कि कोरोना लॉकडाउन के तहत प्रतिबंधित यातायात प्रवाह के मुश्किल समय में भी अत्यावश्यक वस्तुऍं पूरे देश में उपलब्ध कराई जाती रहें। इन्हीं प्रयासों के अंतर्गत पश्चिम रेलवे द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों के लिए कई विशेष पार्सल ट्रेनों का परिचालन निरंतर जारी है। इसी क्रम में पश्चिम रेलवे द्वारा राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बावजूद अभी तक कुल 270 पार्सल विशेष और 39 दूध विशेष रेलगाड़ियों का परिचालन किया गया है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी रविन्द्र भाकर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 23 मार्च से 6 जून, 2020 तक अपनी विभिन्न पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से पश्चिम रेलवे द्वारा 51 हजार टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं का परिवहन किया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, ज़रूरी दवाइयाॅं, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से होने वाली आय लगभग 16.31 करोड़ रुपये रही है। इस अवधि के दौरान, 29 हज़ार टन भार और वैगनों के 100 % उपयोग के साथ, 4.97 करोड़ रुपये के राजस्व के लिए 39 दूध विशेष ट्रेनें चलाई गईं। इसी तरह 270 कोविड -19 विशेष पार्सल गाड़ियाॅं आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए 20 हजार टन भार के साथ चलाई गईं, जिनके लिए अर्जित राजस्व 10.27 करोड़ रुपये रहा। इनके अलावा, 2378 टन के 5 इंडेंटेड रेक भी 1.07 करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व के लिए 100% उपयोग के साथ चलाए गए। श्री भाकर ने बताया कि 7 जून, 2020 को दो पार्सल स्पेशल ट्रेनें पश्चिम रेलवे से रवाना हुईं, जिनमें पोरबंदर – शालीमार और करम्बेली – न्यू गुवाहाटी विशेष ट्रेनें शामिल हैं। उन्होंने अवगत कराया कि 22 मार्च से 6 जून, 2020 तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान, मालगाड़ियों के कुल 5637 रेकों का उपयोग पश्चिम रेलवे द्वारा 11.11 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया है।11,071 मालगाड़ियों को अन्य क्षेत्रीय रेलों के साथ जोड़ा गया है, जिनमें 5,577 ट्रेनें सौंपी गईं और 5,494 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकर (आरएमटी) के 315 मिलेनियम पार्सल रेक देश के विभिन्न भागों में दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं जैसी आवश्यक सामग्री की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए भेजे गये।
लॉकडाउन के कारण नुक़सान
कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण पश्चिम रेलवे पर कमाई का कुल घाटा 1205 करोड़ रुपये से अधिक रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 170.83 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय के लिए 1034.43 करोड़ रुपये का नुक़सान शामिल है। इसके बावजूद अब तक टिकटों के निरस्तीकरण के फलस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 316.23 करोड़ रु. रुपये की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है। उल्लेखनीय है कि इस रिफंड राशि में, अकेले मुंबई डिवीजन ने 148.04 करोड़ रुपये का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक 48.43 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार उनकी वापसी राशि प्राप्त की है।