इंदौर। सांची के मिलावटी दूध कांड को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें मांग की है कि जिन अधिकारियों की मौजूदगी में मिलावट का गोरखधंधा सालों तक चलता रहा, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। खाद्य एवं औषधि प्रशासन की भूमिका को भी संदेह के घेरे में बताया गया है।
जनहित याचिका प्रमोद द्विवेदी ने एडवोकेट मनीष यादव के माध्यम से दायर की है। गौरतलब है कि क्राइम ब्रांच ने मांगलिया स्थित इंदौर दुग्ध संघ के ब्रांड सांची में मिलावट का पर्दाफाश किया था। प्लांट में दूध सप्लाय करने वाले टैंकरों के दूध में मिलावट का आरोप है। आरोपी दूध के फैट को बनाए रखने के लिए केमिकल का इस्तेमाल भी करते थे। फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद कुछ कर्मचारियों के खिलाफ तो कार्रवाई हुई लेकिन बड़े अधिकारियों को छोड़ दिया गया। याचिका में कहा है कि खाद्य और औषधि प्रशासन समय-समय पर डेयरी और अन्य संस्थानों की जांच का दावा करता है तो सांची की जांच क्यों नहीं की गई। आशंका यह भी है कि शासकीय उपक्रम होने से सांची को जान-बूझकर जांच के दायरे से बाहर रखा गया।