सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वयस्क पुरुष और महिला के खिलाफ खाप पंचायतों या संघों के हर कदम को ‘पूरी तरह से अवैध’ करार दिया. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि “कोई भी वयस्क स्त्री-पुरुष अपनी मर्ज़ी से शादी कर सकते हैं. कोई खाप पंचायत या सामाजिक संस्था इसके आड़े नहीं आ सकती’.
इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि ‘यदि कोई वयस्क पुरुष और महिला विवाह करते हैं, तो कोई खाप, पंचायत या समाज उन पर सवाल नहीं उठा सकता’.