Categories

Post Widget 1

Heath Tips

  • In enim justo, rhoncus ut, imperdiet a
  • Fringilla vel, aliquet nec, vulputateDonec pede justo,  eget, arcu. In enim justo, rhoncus ut, imperdiet a, venenatis vitae, justo.Nullam dictum felis eu pede mollis pretium.

मध्यस्थता तकनीक से दोनों ही पक्षकारों की जीत होती है न कि एक पक्षकार की

खबरगुरु (रतलाम) 13 फरवरी। म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर तथा जिला न्यायाधीश/ अध्यक्ष श्री उमेश कुमार गुप्ता के निर्देशानुसार मध्यस्थता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन एडीआर सेंटर में किया गया।

कार्यक्रम में चतुर्थ व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 श्रीमती पल्लवी शर्मा मुख्य अतिथि, सचिव/अपर जिला न्यायाधीश साबिर अहमद खान तथा जिला विधिक सहायता अधिकारी पूनम तिवारी उपस्थित रहे।

थर्ड जेंडर समुदाय से एक थर्ड जेंडर मंदाकिनी ने भी शिविर में भाग लेकर मध्यस्थता प्रक्रिया की जानकारी ली। कार्यक्रम में 52 महिला एवं पुरूष उपस्थित रहे। श्रीमती शर्मा ने मध्यस्थता प्रक्रिया की जानकारी दी और बताया कि छोटे मामलों में मध्यस्थता बहुत उपयोगी है।

मध्यस्थता प्रकिया भारत में अत्यंत प्राचीन काल यथा रामायण काल से प्रचलित है

श्री खान द्वारा मध्यस्थता के व्यवहारिक उदाहरणों द्वारा सभी को मध्यस्थता प्रकिया एवं उसके लाभों के बारे में बताया। उन्होनें बताया कि मध्यस्थता प्रकिया भारत में अत्यंत प्राचीन काल यथा रामायण काल से प्रचलित है। इसकी उपयोगिता को देखते हुए मध्यस्थता को विधि में शामिल कर एक व्यवस्थित नियमावली का रूप दे दिया गया है। इस प्रणाली के उपयोग से पक्षकारों का कीमती समय, धन एवं श्रम की बचत होती है। दोनों ही पक्षकारों की जीत होती है न कि एक पक्षकार की।

श्री खान के 03 मामलों में विवादग्रस्त पक्षकारों को समझाईश देने पर वे आपसी समझौते से अपने मामले का निराकरण कराकर खुशी-खुशी घर वापस गये। संचालन सुश्री पूनम तिवारी द्वारा किया गया।

Share This Post

admin

Related Posts

Read also x

error: Content is protected !!