खबरगुरु (इंदौर) 08 दिसम्बर। कोरोना संक्रमण के बीच मंगलवार को इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह की भरी मीटिंग में फटकार के बाद सीएमएचओ डॉक्टर प्रवीण जड़िया की तबियत खराब हो गई और वह रोते हुए मीटिंग छोड़कर चले गए। कलेक्टर ने उन्हें यूजलेस सीएमएचओ तक कह दिया। अन्य साथी उन्हें पकड़कर बाहर ले आए और यहां से निजी अस्पताल में जांच करवाने पहुंचे।
मिली जानकारी के मुताबिक इंदौर कलेक्टर ने आज विभिन्न विभाग के अधिकारियों की नियमित समीक्षा बैठक ली और कोरोना को लेकर उन्होंने इंदौर सीएमएचओ को जमकर फटकार लगा दी। मीटिंग के दौरान कलेक्टर ने सीएमएचओ डॉ प्रवीण जड़िया को जमकर हड़काया।
जानकारी के मुताबिक कलेक्टर ने प्रसूति सहायता मिलने वाली राशि के साथ ही जननी सुरक्षा में लगी गाड़ियों की भी दो से ढाई हजार पेंडेंसी है। इसे लेकर ही उनसे जानकारी मांगी गई थी। कलेक्टर ने सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया को मीटिंग में ही फटकार लगा दी। जिसके बाद वो रोते हुए बाहर निकले। मीटिंग से बाहर निकले जड़िया को सीने में दर्द हुआ और वह चेयर पर बैठ गए। डॉ. जड़िया ने एक निजी अस्पताल में पहुंचकर अपना जांच कराया। फिलहाल वह पांच दिन के अवकाश पर चले गए हैं। कलेक्टर की डांट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
कलेक्टर मनीष सिंह ने रूटीन मीटिंग के बाद कहा कि जिला स्वास्थ्य अधिकारियों का एक्टिव रहना जरूरी है। सीएमएचओ के अंडर में प्रसूति सहायता के कई प्रकरण हैं। कोविड मैनेजमेंट की बहुत सी चीजें हैं। इसके अलावा भी अन्य कई जिम्मेदारियां हैं। ऐसे में अगर इतने बड़े अधिकारी से गलती होगी, तो डांट भी खानी पड़ेगी। तभी जनता के कार्य तत्परता से होंगे और उन्हें रिलीफ मिलेगा। जननी सुरक्षा में लगी गाड़ियों से जुड़े 2 से 2.5 हजार मामले पेंडिंग हैं। इसे लेकर ही कलेक्टर मनीष सिंह ने सीएचएमओ से जानकारी मांगी गई थी।