खबरगुरु (रतलाम) 6 अक्टूबर। जिले की स्वास्थ्य संस्थाओं में जन्म तथा मृत्यु होने के अधिकतम तीन दिन में पंजीयन किया जाकर संबंधित को पंजीयन प्रमाण पत्र जारी करें जिससे शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने में व्यक्ति को कठिनाई नहीं आए। यह निर्देश कलेक्टर श्री गोपालचंद्र डाड ने जिले के सभी पंजीयन प्राधिकारियों को जारी किए हैं।
वर्ष 2015 के जनवरी माह से पूरे जिले में ऑनलाइन पंजीयन प्रभाव सिल्क हो चुका है। सभी नगरीय निकायों द्वारा ऑनलाइन पंजीयन किया जा रहा है। ऐसे में जन्म-मृत्यु की प्रत्येक घटना का मात्र ऑनलाइन पंजीयन ही करने के निर्देश कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को दिए हैं। यह सुनिश्चित करने को कहा है कि अब ऑफलाइन प्रमाण पत्र बिल्कुल जारी नहीं हो। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, आयुक्त नगर निगम, परियोजना अधिकारी शहरी विकास, सभी जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, नगरपालिका अधिकारियों आदि को निर्देश जारी किया गया है।
जिला योजना अधिकारी श्री वी.के. पाटीदार ने बताया कि जन्म-मृत्यु ऑनलाइन पंजीयन का कार्य भारत सरकार की निर्धारित वेबसाइट http://crsorgi.gov.in/web/
जन्म, मृत्यु एवं विवाह पंजीयन कार्यालय के बाहर अनिवार्य रूप से कार्यालय के सूचना पटल एवं जन्म–मृत्यु पंजीयन 21 दिवस में नि:शुल्क किए जाने तथा विवाह पंजीयन के निर्धारित शुल्क की जानकारी बड़े–बड़े अक्षरों में स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। कलेक्टर ने निर्देशित किया है कि स्वास्थ्य इकाइयों में विशेष रुप से शत–प्रतिशत पंजीयन पर फोकस किया जाए। वर्ष 2019 की तुलना में अभी करीब 3000 जन्म पंजीयन कम होना परिलक्षित हो रहा है। मृत्यु की ग्रामीण क्षेत्र में अधिकांश घटनाएं और संस्थागत रूप से होती रही जिनका पंजीयन रिकॉर्ड से या परिलक्षित हुआ है कि उक्त प्रकार की घटनाओं का शत–प्रतिशत पंजीयन जिले में नहीं हो पा रहा है। इसके साथ ही संस्था का जन्म पंजीयन भी पूर्ण रूप से नहीं हो पा रहा है। अतः कलेक्टर द्वारा सभी जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि ग्राम पंचायतों ने नियमित रूप से शत–प्रतिशत जन्म–मृत्यु पंजीयन सुनिश्चित कराया जाए। इस संबंध में गत दिनों आयोजित बैठक में जनपद पिपलोदा की ग्राम पंचायत काबुलखेड़ी, राकोदा, जनपद रतलाम की मलवासी तथा जनपद बाजना की ग्राम पंचायत बिंटी में ऑनलाइन पंजीयन का कार्य नियमित रूप से नहीं हुआ।
कलेक्टर द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को निर्देशित किया गया कि उक्त ग्राम पंचायतों के सचिवों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जाए। कलेक्टर ने सभी एसडीएम को भी निर्देशित किया है कि मैदानी भ्रमण के दौरान ग्रामीणों से चर्चा करें, यह पता करें कि विगत एक वर्ष अथवा 6 महीनों में संबंधित ग्राम पंचायत में कितनी मृत्यु की घटनाएं घटित हुई एवं उसके विरुद्ध घटनाओं को ग्राम पंचायत सचिव द्वारा ऑनलाइन पंजीबद्ध किया गया अथवा नहीं। यदि मृत्यु की अपंजीबद्ध घटनाएं परिलक्षित होती हैं तो संबंधित के विरूद्ध कार्रवाई की जाए।