नई दिल्ली (ख़बर गुरु 10 फ़रवरी 2016 ) : खराब खाने की शिकायत करने वाले बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव की पत्नी की पिटीशन पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अहम ऑर्डर दिया। तेज बहादुर यादव की गुमशुदगी को लेकर दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को न्यायमूर्ति बीडी अहमद और न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार की पीठ ने बीएसएफ से कहा कि वह तेज बहादुर की पत्नी शर्मिला को हर हफ्ते अपने पति से मिलने की अनुमति दे|
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि तेज बहादुर को किसी तरह की कोई सजा अभी नही दी गई है और न ही उसे अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है. तेज बहादुर को 29 बटालियन से 88 बटालियन में ट्रासफंर कर दिया गया है और परिवार को इसकी पूरी जानकारी है. परिवार के लोग तेजबहादुर के साथ फोन पर संपर्क मे हैं
हाईकोर्ट ने सरकार के इस पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर परिवार तेज बहादुर से संपर्क में है तो भला परिवार को कोर्ट में आने की जरुरत क्यों पड़ती. परिवार को कुछ शंकाए हैं और उनको दूर करना जरूरी है, लिहाजा कोर्ट आपको निर्देश देता है कि तेज बहादुर की पत्नी को लेकर जाए और उससे मिलवाए. 15 फरवरी को कोर्ट इस मामले की दोबारा सुनवाई करेगा.
वहीं परिवार ने दावा करते हुए बताया है कि तेज बहादुर के बारे में कोई जानकारी नही है कि वह कहां है. सूत्रों से मिली जानकारी के आधार बताया जा रहा है कि उनका परिवार उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन परिवार से उनका संपर्क नही हो रहा है.
तेज बहादुर ने पोस्ट किया था वीडियो
तेज बहादुर ने जनवरी में जवानों को मेस में मिलने वाली भोजन सामग्री की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए यह शिकायत की थी कि वरिष्ठ अधिकारी जवानों के लिए आने वाली खाद्य सामग्री को बेच डालते हैं. उन्होंने इस संबंध में एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया था. हालांकि, इसमें किसी अधिकारी का नाम नहीं लिया गया था. यह वीडियो खूब वायरल हुआ था.
बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव का वीडियो वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय ने बीएसएफ से इस पर विस्तृत जानकारी मांगी थी.