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अवयस्‍क बालिका के साथ बलात्‍कार करने वाले आरोपी की जमानत खारिज, पीड़िता ने फांसी लगाकर कर ली थी आत्‍महत्‍या

खबरगुरु (भोपाल) 28 जुलाई।  आज दिनांक को माननीय न्‍यायालय श्रीमती कुमुदनी पटेल (विशेष न्‍यायालय पॉक्‍सो एक्‍ट) के न्‍यायालय में आरोपी दिलीप सहरिया द्वारा जमानत के लिये आवेदन प्रस्‍तुत किया गया, जिसमें उपस्थिति विशेष लोक अभियोजक श्री टी.पी. गौतम तथा श्रीमती मनीषा पटेल द्वारा बताया गया कि आरोपी द्वारा भाई जैसे पवित्र रिश्‍ते को बदनाम कर यौन अपराध किया गया है, जिसके कारण पीडिता को अपनी जान देती पडी। अपराध अत्‍यन्‍त गम्‍भीर प्रकृति का है। आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाना उचित प्रतीत नही होता। उक्‍त तर्को से सहमत होते हुए माननीय न्‍यायालय द्वारा आरोपी दिलीप सहरिया की जमानत निरस्‍त कर दी गयी।

मीडिया सेल प्रभारी मनोज त्रिपाठी ने बताया कि थाना ईटखेडी में पदस्‍थ सहायक उपनिरीक्षक एन.पी. पाण्‍डेय द्वारा यह सूचना प्राप्‍त होने पर कि मृतिका उम्र 15 वर्ष निवासी ईटखेडी भोपाल को उसका चचेरा भाई सुरेश इलाज हेतु गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल लाया था और बताया कि पीडिता घर में बेहोशी की हालत में पडी थी, डॉक्‍टर द्वारा चेक करने पर वह मृत पायी गयी थी , जिस पर मर्ग क्रमांक 21/18 दर्ज कर उसकी जांच प्रारम्‍भ की गयी , जिसमें अवयस्‍क मृतिका का पी.एम. कराने के दौरान यह ज्ञात हुआ था कि मृतिका की मृत्‍यु फांसी लगाने तथा दम घुटने से हुई । मृतिका की वेजेलाइनर स्‍लाइड , कपडे , द्रव्‍य नमूना की जप्‍ती की जाकर क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला भोपाल में वैज्ञानिक तथा रासायनिक परीक्षण उपरांत यह रिपोर्ट प्राप्‍त हुई थी, कि मृतिका के सा‍थ किसी अज्ञात व्‍यक्त्‍ि द्वारा बलात्‍कार किया गया है तब वरिष्‍ठ अधिकारियो के आदेश से अपराध धारा 376 भादवि तथा पॉक्‍सो एकट की धारा ¾ पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया ।

जांच के दौरान बलात्‍कार के तथ्‍य पाये जाने पर विवेचना में साक्षियो के पूरक कथन लिये गये जिसमें साक्षियो के कथन में यह ज्ञात हुआ कि आरोपी दिलीप सहरिया पुत्र गंगाराम उम्र 20 वर्ष निवासी ईटखेडी भोपाल का पीडिता के घर आना जाना था। पीडिता उसे अपना भाई मानती थी और साक्षियो ने बताया कि उक्‍त व्‍यक्त्‍िा द्वारा अपराध कारित किया गया होगा। और साक्षियो द्वारा यह भी कथन किये गये कि मृतिका ने इसी कारण से आत्‍महत्‍या की होगी। संदेह के आधार डी.एन.ए. परीक्षण कराने पर आरोपी द्वारा अपराध किया जाना पाया गया। तब धारा 306 भादवि का इजाफा कर आरोपी को गिरफतार किया गया था।

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