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Ratlam: अनुकंपा नियुक्ति के लिए मांगी थी 15 हजार की रिश्वत, कोर्ट ने सुनाई 4 वर्ष की सजा के साथ लगाया 1 हजार का अर्थदण्ड

🔴 पेंट को उतरवाकर बाई जेब को घोल में डुबोने पर घोल रंग गुलाबी हो गया था

खबरगुरु (रतलाम) 1 दिसम्बर। मध्यप्रदेश रतलाम जिले की विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) श्री संतोष कुमार गुप्ता द्वारा रिश्वत के मामले में दोषी पाए गए एक लिपिक रामलाल मालवीय को चार वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 1 हजार रुपये अर्थदंड से भी दंडित किया है।

विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त उज्जैन के विशेष प्रकरण क्रमांक 02/2014 में माननीय विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) श्री संतोष कुमार गुप्ता द्वारा आज 1 दिसम्बर को पारित अपने निर्णय में रामलाल मालवीय उम्र 66 वर्ष तत्कालीन सहायक ग्रेड-2, कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग, रतलाम को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(1)डी सहपठित धारा 13(2) के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध के लिए 04 वर्ष के सश्रम कारावास तथा कुल 1000/- रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित कर आरोपी को जेल भेजा गया।

अनुकंपा नियुक्ति के लिए मांगी थी 15 हजार की रिश्वत

शासन की ओर से पैरवीकर्ता रोजर चौहान, विशेष लोक अभियोजक (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के द्वारा बताया गया कि दिनांक 22 अगस्त 2013 को आवेदक गजेन्द्र ररोतिया पिता मदनलाल ररोतिया निवासी पठानटोली जावरा जिला रतलाम ने लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में उपस्थित होकर एक लेखी शिकायत आवेदन पत्र इस आशय का प्रस्तुत किया कि उसके पिता माध्यमिक विद्यालय पहाडीबंगला सैलाना में शिक्षक थे जिनका दिनांक 15.04.2010 को निधन हो गया था तथा उसके पिता के स्थान पर उसने अनुकंपा नियुक्ति के लिए दिनांक 17.06.2010 को आवेदन दिया था। सहायक आयुक्त मधु गुप्ता उसकी अनुकंपा नियुक्ति के लिए अपने अधिनस्थ लिपिक रामलाल मालवीय के माध्यम से 15,000/- रूपए की रिश्वत मांग रही थी। इस पर तत्कालीन डीएसपी पदमसिंह बघेल विपुस्था लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन ने रिश्वत की मांग की जाने की पुष्टि की जाने के लिए आवेदक गजेन्द्र ररोतिया को रिश्वत संबंधी वार्तालाप को गोपनीय रूप से रिकॉर्ड करने के लिए शासकीय डिजिटल वाईस रिकॉर्डर देकर आरोपी रामलाल मालवीय और गजेन्द्र ररोतिया के मध्य हुई रिश्वत संबंधी बातचीत की रिकॉर्डिंग कराई गई। तत्पश्चात रिश्वत की मांग प्रमाणित पाए जाने पर, विधिवत ट्रैप कार्यवाही की गई। आरोपी को 4 वर्ष के सश्रम कारावास तथा कुल 1000/- रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित कर आरोपी को जेल भेजा गया।

आरोपी के हाथों को सोडियम कार्बोनेट पाउडर के घोल में धुलवाया गया तो घोल का रंग हो गया था गुलाबी

24 अगस्त 2013 को दोपहर 12:45 बजे ट्रेपदल जिला न्यायालय रतलाम के पास पहुचा। आवेदक कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग, रतलाम के अंदर गया और कुछ देर बाद आरोपी रामलाल के साथ बाहर आया और दोनो न्यायालय की बाउण्ड्री के पास स्थित चाय की दुकान पर गए जहा आरोपी रामलाल ने आवेदक गजेन्द्र से 5,000/- रूपए रिश्वत की राशि ली, जो उसने अपनी पहनी हुई पेंट की बाई जेब में रख ली। चाय की दुकान के पास अत्यधिक भीड हो जाने के कारण डीएसपी पदमसिंह बघेल के द्वारा ट्रेप की कार्यवाही कार्यालय सहायक आदिवासी विकास विभाग रतलाम के कक्ष में की गई। मौके पर आरोपी के हाथों को सोडियम कार्बोनेट पाउडर के घोल में धुलवाया गया तो घोल का रंग गुलाबी हो गया। आरोपी की पहनी हुई पेंट को उतरवाकर उसकी बाई जेब को घोल में डुबोने पर घोल रंग गुलाबी हो गया। आरोपी से जप्त इन करेंसी नोटो के नंबरों का मिलान किए जाने पर ये नोट वही नोट पाए गए, जो लोकायुक्त कार्यालय में फिनाफ्थीलीन पावडर लगाकर आवेदक गजेन्द्र की जेब में रखवाए गए थे। प्रयोगषाला के द्वारा फोरंसिंक परीक्षण में आरोपी के हाथ धुलवाने के घोल एवं आरोपी की पेंट के घोल में फिनाफ्थलीन का परीक्षण धनात्मक पाया था।

विवेचना में आरोपी रामलाल मालवीय के द्वारा अपराध किया जाना पाए जाने पर आरोपी के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति प्राप्त कर विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा आरोपी रामलाल मालवीय के विरुद्ध अभियोग पत्र दिनांक 07.03.2014 को विशेष न्यायालय रतलाम में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में विचारण उपरांत विशेष न्यायालय रतलाम द्वारा आरोपी रामलाल मालवीय को दोषसिद्ध किया गया।

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