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मावे के लिए प्रसिद्ध रानीसिंग को मिली है अमृत सरोवर की सौगात :
तालाब से रानीसिंग के लगभग 50 आदिवासी कृषक उठा रहे लाभ

मावे के लिए प्रसिद्ध रानीसिंग को मिली है अमृत सरोवर की सौगात :तालाब से रानीसिंग के लगभग 50 आदिवासी कृषक उठा रहे लाभ

खबरगुरु (रतलाम) 20 अप्रैल। रतलाम की माही नदी के पास स्थित ग्राम रानीसिंग अपने मावा उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। रानीसिंग का मावा दूर दाहोद (गुजरात) तक जाता है। शासन की पहल पर रानीसिंग को अमृत सरोवर तालाब के रुप में एक महत्वपूर्ण धरोहर भी मिली है। विगत जून माह में रानीसिंग का अमृत सरोवर बनकर तैयार हो गया।

इस रबी में स्थानीय किसानों ने अमृत सरोवर का लाभ उठाया। तालाब की सिंचाई क्षमता लगभग 22 हेक्टेयर भूमि सिंचाई की है। करीब 15 लाख रुपए लागत से निर्मित किए गए अमृत सरोवर तालाब से रानीसिंग के लगभग 50 आदिवासी कृषक लाभ उठा रहे हैं। तालाब के नजदीक खेती करने वाले देवीसिंह गरवाल, सोमसिंह गरवाल भी उन प्रसन्नचित्त किसानों में से हैं जिनकी गेहूं की फसल को अमृत सरोवर तालाब के पानी ने सिंचित किया है।

कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री शिवराजसिहं चौहान की महत्वाकांक्षी पहल के तहत रतलाम जिले में 72 अमृत सरोवर तालाबों का निर्माण किया गया है जिनकी सिंचाई क्षमता 205 हेक्टेयर है। जिले में 102 अमृत सरोवरों का निर्माण 1669 लाख रुपए खर्च करके किया जाना है।

रानीसिंग में अमृत सरोवर की देखरेख करने वाले गांव के किसानों के समूह ने बताया कि हमारे गांव के लिए यह सरोवर अमृत के समान है। हम सभी गांववासियों ने तय किया है कि तालाब को सीमा सुरक्षा बल जवान श्री धर्मेंद्र पिता कांजी मालीवाड को समर्पित किया जाए जो वर्तमान में देश की सीमा पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ग्रामीण कहते हैं कि सरोवर निर्माण के उपरांत हमारे कुओं का जलस्तर बढ़ने से फसल उत्पादन भी बढ गया है। पशुओं की पेयजल समस्या का समाधान भी हुआ है। सरोवर निर्माण होने से हमारे समूह के कुछ सदस्यों द्वारा सब्जी उत्पादन शुरू कर दिया गया है, आगे मछली पालन की भी योजना है।
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