🔴 2 सितंबर 1924 को एमपी के सिवनी में हुआ था स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म
खबरगुरु (भोपाल) 11 सितंबर। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को निधन हो गया। वे 99 साल के थे। उन्होंने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में आखिरी सांस ली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। कुछ दिन पहली ही स्वरूपानंद सरस्वती ने अपना 99वां जन्मदिवस मनाया था, जिसमें एमपी के सीएम समेत कई बड़े नेताओं ने उनसे मुलाकात की थी।
1981 में मिली शंकराचार्य की उपाधि
स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म एमपी के सिवनी में 2 सितंबर 1924 को हुआ था। वे 1982 में गुजरात में वारका शारदा पीठ और बद्रीनाथ में ज्योतिर मठ के शंकराचार्य बने थे। स्वामी स्वरुपानन्द सरस्वती ने आजादी की लड़ाई में भी हिस्सा लिया था। 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा लगा तो वह भी स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े और 19 साल की उम्र में वह ‘क्रांतिकारी साधु’ के रूप में प्रसिद्ध हुए। इसी दौरान उन्होंने वाराणसी की जेल में 9 और मध्यप्रदेश की जेल में 6 महीने की सजा भी काटी। वे करपात्री महाराज की राजनीतिक दल राम राज्य परिषद के अध्यक्ष भी थे। 1950 में वे दंडी संन्यासी बनाये गए और 1950 में शारदा पीठ शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती से दण्ड-सन्यास की दीक्षा ली और स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती नाम से जाने जाने लगे। 1981 में शंकराचार्य की उपाधि मिली।