खबरगुरु (नई दिल्ली) 2 मार्च। खंडवा से बीजेपी के सांसद नंदकुमार सिंह चौहान का निधन हो गया है। उन्होंने दिल्ली के मेदांता हॉस्पिटल में मंगलवार सुबह अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। गंभीर हालत में उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था और वे कोरोना से भी संक्रमित थे।
खंडवा के सांसद एवं पूर्व बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान पिछले लगभग 1 महीने से दिल्ली में भर्ती थे। 11 जनवरी को कोरोना पॉजिटिव होने के बाद के बाद भोपाल के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था । ज्यादा सीरियस होने की वजह से उन्हें दिल्ली के मेदांता अस्पताल में शिफ्ट किया गया था ।
बुरहानपुर जिले के शाहपुर में नंदकुमार सिंह चौहान का जन्म 8 सितंबर 1952 में हुआ था। पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षा के बाद उन्होंने राजनीति को अपने कैरियर के रूप में चुना और भाजपा में शामिल हुए। बुरहानपुर जिले में स्थित शाहपुर नगर पालिका में वर्ष 1978-80 व1983-87 तक शाहपूर बुरहानपुर अध्यक्ष के तौर पर भाजपा से विजय होकर नगर अध्यक्ष रहे। इसके बाद सन् 1985-96 तक लगातार 2 बार भाजपा से विजयी हो कर मध्य प्रदेश विधानसभा के बुरहानपुर क्षेत्र से विधायक रहे थे। सन 1996 को 11वें लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें खंडवा क्षेत्र से सांसद उम्मीदवार बनाया था। इसमें वें विजयी हुए थे, इसके बाद सन 1998 में उपचुनाव में 12वीं लोकसभा चुनाव में वे दूसरी बार खंडवा क्षेत्र से विजयी हुए थे। सन 1999 में 13वीं लोकसभा उपचुनाव में फिर से भाजपा ने खंडवा क्षेत्र से इन्हें उम्मीदवार बनाया। इसमें भी वें तीसरी बार विजयी हुए। इसने इनका कार्यकाल 1999-2004 तक 5 वर्ष पूर्ण चला।
इसके बाद सन 2004 में 14वीं लोकसभा चुनाव में वे चौथी बार फिर से खंडवा क्षेत्र से सांसद का चुनाव जीत कर विजयी हुए परंतु वे विपक्ष में बैठे क्योकिं केंद्र में मनमोहन सिंह की कांग्रेस सरकार बन चुकी थी। फिर सन 2009 के 15वीं लोकसभा चुनाव में उन्हें फिर से खंडवा क्षेत्र से भाजपा ने उम्मीदवार बनाया परंतु इस बार वे कांग्रेस प्रत्याशी अरूण यादव से चुनाव हार गए थे। उन्हें पार्टी ने मध्य प्रदेश राज्य का भाजपा पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था परंतु सन 2013 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्हें हटाकर नरेंद्र सिंह तोमर को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया। उन्हें 16वीं लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पुन: खंडवा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया। इसमें वे चुनाव में विजयी हुए। उन्हें पुन: मध्य प्रदेश भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया था व सन 2018 में उन्होंने अपना त्यागपत्र भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से दे दिया। ताकि वे अपने संसदीय क्षेत्र में विकास कार्य कर सकें।