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मामला रतलाम रेलवे चिकित्सा अधिकारी की घिनौनी करतूत काः पड़ोसी डॉक्टर नही करते मदद तो पत्नी की ले लेता जान, कार्रवाई करने में रेलवे के जिम्मेदार बन रहे अनजान

🔴दहेज के लोभी डॉ द्वारा पत्नी को जान से मारने की कोशिश

🔴सास-ससुर एवं देवर-देवरानी भी शामिल

🔴पत्नी की शिकायत में लगे गंभीर आरोप

🔴नाबालिक बेटी को भी किया टार्चर

खबरगुरु (रतलाम) 25 मई । एक पिता अपनी बेटी को बड़े लाड़ प्यार से पालता पोस्ता है। अपने जीवन की कई खुशियों को त्यागकर एक-एक पैसा जमा करता है ताकि अपनी बेटी की शादी धूमधाम से कर सके। लेकिन कुछ दहेज के लालची लोग उस पिता के सपनों का गला घोट देते हैं और उस बेटी को इतना प्रताड़ित करते हैं की उसे जीना दूभर लगने लगे। ऐसा ही एक मामला रतलाम के एक हाईप्रोफाईल परिवार का सामने आया है। पत्नी ने पति रेलवे के चिकित्सा अधिकारी डॉ. महेंद्र टटवाड़े के विरूद्व कोटा महिला थाने में शिकायत दर्ज करवाई है। जिसमें पत्नी ने डॉ टटावड़े पर गंभीर आरोप लगाए है। इस मामले में प्रताड़ित पत्नी ने पति सहित सास-ससुर एवं देवर-देवरानी पर भी जानलेवा हमले, मारपीट और दहेज की मांग का गंभीर आरोप लगाया है। खास बात तो यह है कि महिने की शुरूआत में ही डॉ. पर प्रकरण दर्ज हो गया था लेकिन रतलाम चिकित्सालय के जिम्मेदार अधिकारीयों ने इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं करते हुए अनजान बने हुए है।

पत्नी ने लगाए पति पर यह गंभीर आरोप

रतलाम के रेलवे चिकित्सालय में पदस्थ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के खिलाफ जान से मारने की कोशिश सहित दहेज के लिए प्रताड़ित करने का प्रकरण पत्नी ने कोटा के महिला थाने में दर्ज करवाया है। प्रकरण में पत्नी ने न केवल डॉक्टर पति बल्कि सास-ससुर और देवर-देवरानी को भी आरोपी बनाया है। शिकायत में डॉक्टर की पत्नी ने न केवल अपने ऊपर अत्याचार करने की बात कही अपितु नाबालिग बेटी को भी प्रताड़ित करने की जानकारी दी है। दहेज के लिए प्रताड़ित और मानसिक शारीरिक रूप से चोट पहुंचाने वाला आरोपी डॉक्टर महेंद्र टटावड़े हैं। उल्लेखनीय है कि डॉक्टर टटावड़े रतलाम रेलवे चिकित्सालय में नेत्र रोग विशेषज्ञ के पद पर पदस्थ हैं। मूल रूप से इंदौर निवासी डॉक्टर परिवार है। पत्नी ने कोटा स्थित महिला थाने में पति महेंद्र, ससुर डॉ. रामप्रसाद, डॉ. सास रमा, देवर डॉक्टर योगेश एवं देवरानी डॉक्टर वंदिता टटावड़े के नाम पर रिपोर्ट दर्ज करवाई है। पुलिस ने विभिन्न धारा में प्रथम दर्ज किया है।

मारपीट कर शारीरिक यातनाएं दी

शिकायत में पत्नी ने बताया कि उनका विवाह नवंबर 2003 में हुआ था दो तीन साल तो सब कुछ बढ़िया रहा लेकिन बाद में दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे। जबकि पिताजी ने विवाह के दौरान मारुति 800, 3 किलो चांदी जैसा ग्राम सोने के जेवर डबल बेड फ्रीज, टीवी, वाशिंग मशीन, सोफा सहित अन्य सामग्री दी गई थी साथ ही एक लाख 11 हजार भी दिए थे। करीब 20 लाख रुपए विवाह पर खर्च हुए थे। वर्ष 2006-07 में जब अहमदाबाद में थे तब 1 लाख नगद पिताजी ने आकर दिए थे। इसके बाद जब पिताजी रिटायर हो गए तब 5 लाख की मांग की गई। रुपए नहीं देने पर दुर्व्यवहार करने लगे। मारपीट कर शारीरिक यातनाएं दी। इसके पश्चात 2011-12 में मकान बनाने के लिए 3 लाख की डिमांड की। वो भी पिताजी ने जून 11 में रतलाम पोस्टिंग के दौरान पूरी की। इसके बावजूद लगातार पैसे मांगने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान करने लगे।

नर्स से अवैध संबंध के भी लगे आरोप

2014 में जब पहली संतान हुई तो तो पिताजी ने ससुराल वालों को ढाई लाख रुपए के सोने की कंठी नगद चांदी की कटोरी चम्मच गिलास पायजेब कपड़े साड़ियां सूट आदि दिए इसके कुछ महीने बाद व्यवहार ठीक रहा लेकिन 2015-16 में पति महेंद्र ने नर्स से संबंध बना लिए और प्रताड़ित करने लगा। 2017 में फिर फिर 5 लाख की मांग की और कहा कि नहीं लाई तो जान से मार देंगे, घर से निकाल देंगे। इस पर पिता ने 1 अगस्त 17 को 5 लाख का चेक डॉ महेंद्र के नाम भेजा। जिस पर डॉ महेंद्र भड़क गया और चेक फाड़ दिया। वह कहने लगा कि चेक के माध्यम से पेमेंट देकर मुझे फंसाना चाहते हो। जानकारी जब पिता को दी तो उन्होंने नगद राशि दी।

पति इस प्रकार पिटता था कि चोट मेड़िकल रिपोर्ट में ना दिखे

पिता से प्राप्त रूपएऔर जेवर डॉ महेंद्र ने उस नर्सों को दे दिया जिससे अवैध संबंध है। इसका विरोध किया तो जान से मारने की कोशिश की। बड़ी मुश्किल से जान बचाकर पड़ोस के घर में गई और पड़ोसियों ने समझा-बुझाकर वापस घर में रखा। इसके साथ ही जब देवर के घर का उद्घाटन का उस दौरान ससुर सास देवर देवरानी ने मेरे साथ मारपीट की और गला दबाने लगे। बड़ी मुश्किल से जान बचाकर दूसरे कमरे में अपने आप को बंद किया। ससुराल वालों को लगा कि आज मेरी हालत में यह मर जाएगी तो मुझे कमरे से बाहर निकाला। ससुराल के सभी लोग दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे हो और मारपीट भी की पति मेरे साथ किस प्रकार की मारपीट करता था की मेडिकल जांच में चोट दिखाई भी ना दें। 2021 में जब मैं रतलाम में थी तब भी जान से मारने का प्रयास किया जोर-जोर से जब मैं रोने लगी तब पड़ोसियों ने आकर मुझे बचाया। पड़ोसी डॉ सुधाकर शर्मा के घर बैठी रही तत्पश्चात रात को ट्रेन से पिता के घर कोटा रवाना हो गई। पिता के वहां जाकर फिर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई।

पुलिस ने महिला की शिकायत पर विभिन्न धाराओं में किया प्रकरण दर्ज

पुलिस ने महिला की शिकायत पर धारा 498ए, 406, 323 आईपीसी में प्रकरण पंजीबद्ध किया। प्रकरण दर्ज हुए 21 दिन हो गए लेकिन रतलाम रेलवे अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारियों ने अब तक डॉ महेंद्र के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है अस्पताल में उनके नाम की पट्टी अभी भी लगी हुई है। अस्पताल में मरीज आते तो उनको कहा जाता है कि डॉक्टर साहब छुट्टी पर हैं कुछ दिन बाद आएंगे।

आरोपी डॉ के चेंबर के बाहर लगी नेमप्लेट

 

अभी डाक्टर महेंद्र टटवाड़े अवकाश पर है, अभी अस्पताल  में कंसलटेंट डॉ सोनी यादव अपनी सेवाएं दे रही है। हमें अभी ऑफिशियली रूप से कोई जानकारी प्राप्त नही हुई है। अभी कोई कार्रवाई हमारी ओर से नही हुई है। इससे ज्यादा मै कोई जानकारी नही दे पाउंगी।

डॉ अनामिका अवस्थी
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक
रेलवे अस्पताल, रतलाम

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