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रतलाम: रिश्वत लेने की आरोपी महिला पटवारी को भेजा जेल, 4 साल की सजा एवं दो हजार का अर्थदंड

पावती बनाने के लिए मांगी थी 30 हजार रुपये की रिश्वत

खबरगुरु (रतलाम) 30 मार्च। विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) द्वारा बुधवार 30 मार्च को 8 वर्ष पुराने मामले में पटवारी अलका सक्सेना उम्र 42 वर्ष ग्राम हतनारा तहसील व जिला रतलाम को 4 वर्ष के सश्रम कारावास तथा दो हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया और आरोपी को जेल भेज दिया।

पावती बनाने के लिए मांगी थी तीस हजार रुपये की रिश्वत

शासन की ओर से पैरवीकर्ता सीमा शर्मा ने बताया कि 22 फरवरी 2014 को फरियादी मोहनलाल पाटीदार पुत्र किशनलाल पाटीदार निवासी ग्राम हथनारा ने लोकायुक्त एसपी उज्जैन कार्यालय पर लिखित शिकायत की थी। शिकायत में बताया था कि उसके पिता किशनलाल के नाम पर 30 बीघा जमीन ग्राम हतनारा में है। इस भूमि का बटवारा उसके और उसके भाईयों शंकरलाल और छोगालाल के मध्य करने के लिए पावती बनाने के लिए पटवारी अलका सक्सेना ने 30 हजार रूपए की रिश्वत मांगी थी। इस पर लोकायुक्त पुलिस के तत्कालीन निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने रिश्वत संबंधी वार्तालाप की पुष्टि के लिए शासकीय डिजिटल वाईस रिकॉर्डर देकर फरियादी को पटवारी के पास भेजा था। आरोपी अलका सक्सेना और मोहनलाल के मध्य हुई रिश्वत संबंधी बातचीत की रिकॉर्डिंग कराई गई।

लोकायुक्त ने 30 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था

रिश्वत की मांग प्रमाणित पाए जाने पर विधिवत ट्रैप कार्यवाही की गई तथा दिनांक 25 फरवरी 2014 को आरोपी अलका सक्सेना को कालिका माता मन्दिर के पीछे महालक्ष्मी नगर में स्थित उसके निजि कार्यालय में आवेदक मोहनलाल से 30 हजार रूपए रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त के निरीक्षक बंसत श्रीवास्तव द्वारा ट्रेप किया गया। मौके पर आरोपी के हाथों को सोडियम कार्बोनेट पाउडर के घोल में धुलवाया गया तो घोल का रंग गुलाबी हो गया।

टेबल की दराज में रखे थे 30 हजार रुपये

अलका सक्सेना ने मोहनलाल से लिए रिश्वत के रुपये टेबल की दराज में रख लिए थे। दल के सदस्यों ने दराज में से रिश्वत के रूप में लिए गए तीस हजार रुपये जब्त किए थे। विवेचना में अपराध प्रमाणित पाए जाने पर आरोपी के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति प्राप्त कर विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा आरोपी के विरुद्ध अभियोग पत्र दिनांक 20 जनवरी 2017 को विशेष न्यायालय रतलाम में प्रस्तुत किया गया था। जिसमें विचारण उपरांत विशेष न्यायालय रतलाम द्वारा आरोपी को दोषसिद्ध किया गया।

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